शिमला. अटल टनल रोहतांग का शिलान्यास सोनिया गांधी ने 2010 में किया था। अब उद्घाटन के समय टनल में सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका कांग्रेसियों को गायब नजर आई है। जिस पर अब कांग्रेस ने पुलिस को शिकायत की है कि शिलान्यास पटि्टका कहां गायब हो गई, इसकी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सोनिया गांधी की शिलान्यास पटि्टका को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर टनल में सोनिया गांधी की पटि्टका गायब होने की जांच कराकर पटि्टका लगाने की मांग की है। इससे पहले मंडी में आयोजित रैली में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार को चेतावनी दी थी कि सोनिया गांधी की शिलान्यास पटि्टया टनल में लगवाकर रहेंगे। इस तरह सोनिया गांधी की शिलान्यास पटि्टका के गायब होने का मामला पुलिस के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष भी कांग्रेस ने उठा दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने रोहतांग अटल टनल से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका के गायब होने का कड़ा संज्ञान लेते हुए इसकी एक शिकायत पत्र मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भेजी है।अपनी इस पत्र में राठौर ने सरकार को इस पूरे मामले की जांच 15 दिनों के भीतर करने व उस शिलान्यास पट्टिका को पुनर्स्थापित करने को कहा है।उन्होंने कहा कि अगर यह तय सीमा के अंदर नही हुआ तो कांग्रेस इसके खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।
राठौर ने इसे लोकतंत्र का अपमान करार देते हुए कहा है कि इसके खिलाफ कांग्रेस ने पुलिस में एक एफआईआर दर्ज करवाने का निर्णय भी लिया है।
आज राजीव भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राठौर ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह लोकतंत्र की मर्यादाओं से खिलवाड़ कर रही है।उन्होंने कहा कि भाजपा इतिहास से छेड़छाड़ कर रही है।उन्होंने कहा कि 28 जून 2010 को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तत्कालीन इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह व प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की उपस्थिति में इस टनल की 0 आधारशिला रखी थी।उन्होंने कहा कि उन्हें यह जान कर बड़ी हैरानी हुई है कि सोनिया गांधी की वह पट्टिका वहां से गायब है।उन्होंने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और पुलिस की है।
राठौर ने कांग्रेस के किसान बचाओ आंदोलन को सफल करार देते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है,और नए कृषि कानून का विरोध जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1965 में एपीएमसी एक्ट ला कर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देने का जो प्रावधान किया था,नए कानून में उसे खत्म कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में लोकसभा बैठक के दौरान पहले अध्यदेश लाया,फिर राज्यसभा में बगैर चर्चा के इसे पारित कर दिया और राष्ट्रपति ने रात रात इस कानून पर अपने हस्ताक्षर भी कर दिए।उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून से देश का किसान अपनी फसल को पहले ठेके पर उगाएगा, बाद में उसे ठेकेदारों को उनकी इच्छा नुसार बेचने पर मजबूर होगा।किसान ठेकेदार का गुलाम बनेगा।देश मे जमा खोरी बढ़ेगी और बड़े उद्योगपतियों का बोल बाला होगा।
राठौर ने आशंका व्यक्त की कि इस कानून के बाद अब देश मे सार्बजनिक वितरण प्रणाली, पीडीएस व्यवस्था भी खत्म हो जायेगी,क्योंकि पूरी बाजार व्यवस्था तो पूंजीपतियों के पास जा रही है।