रामदेव माफी मांगे अथवा अदालत का सामना करने को तैयार रहे : पंडित डोगरा
शिमला, 3 जून। योग गुरु रामदेव द्वारा ज्योतिष पर दिए गए बयान का मामला ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है। वशिष्ट ज्योतिष सदन व ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने रामदेव से ज्योतिष पर दिए गए बयान पर उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यदि योग गुरु रामदेव माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ अदालत में केस दर्ज करवाया जाएगा। पंडित डोगरा ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र एक बहुत ही वृहद ज्ञान है। इसे सीखना आसान नहीं है। ज्योतिष शास्त्र को सीखने से पहले इस शास्त्र को समझना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र की व्युत्पत्ति ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्रम् की गई है। रामदेव को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि ज्योतिष भाग्य या किस्मत बताने का कोई खेल-तमाशा नहीं है। यह विशुद्ध रूप से एक विज्ञान है। ज्योतिष शास्त्र वेद का अंग है। ज्योतिष शब्द की उत्पत्ति द्युत दीप्तों धातु से हुई है।
पंडित डोगरा ने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के द्वारा मनुष्य आकाशीय-चमत्कारों से परिचित होता है। फलत: वह जनसाधारण को सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्र-सूर्य ग्रहण, ग्रहों की स्थिति, ग्रहों की युति, ग्रह युद्ध, चन्द्र श्रृगान्नति, ऋतु परिवर्तन, अयन एवं मौसम के बारे में सही-सही व महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। इसलिए ज्योतिष विद्या का बड़ा महत्व है।
पंडित डोगरा ने काह कि ज्योतिष वास्तव में संभावनाओं का शास्त्र है। सारावली के अनुसार इस शास्त्र का सही ज्ञान मनुष्य के धन अर्जित करने में बड़ा सहायक होता है क्योंकि ज्योतिष जब शुभ समय बताता है तो किसी भी कार्य में हाथ डालने पर सफलता की प्राप्ति होती है इसके विपरीत स्थिति होने पर व्यक्ति उस कार्य में हाथ नहीं डालता।
अंक ज्योतिष के अनुसार अहंकारी हुए रामदेव
2 जून को योग गुरू रामदेव ने ज्योतिष को लेकर कहा। यह (2) अंक चन्द्रमा का अंक है, मन का कारक। 2+6+2+0+2+1 =1 3 =1+3 = 4 राहु का अंक राहु का चंद्र के साथ जाने से व्यक्ति के मन को विचलित कर देता है। ऐसा व्यक्ति जल्द ही अहंकारी हो जाता है। ऐसे में इंसान अपने आप को ही सर्वेसर्वा मानना शुरू कर देता है। योग गुरू अहंकार में आकर यह भूल गए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना मुहूर्त के कोई काम नहीं करते। अपनी संस्कृति को पूरा सम्मान देते हैं। योग गुरू रामदेव का 7 अंक है। यह अंक केतु का है। केतु के प्रभाव के चलते व्यक्ति की वाणी पर समय नहीं रहता। केतु जेल का कारक भी है। केतु जब देता है तो बहुत देता है और जब लेता है तो पता भी नहीं चलता क्या हो गया।