राज्य में सरकारी क्षेत्र में 8 आरटी-पीसीआर व 25 ट्रूनॉट लैब में हो रहे है कोरोना परीक्षण
निजी क्षेत्र के 20 लैबों व अस्पतालों में भी किए जा रहे कोरोना परीक्षण
शिमला, 8 मई। कोरोना महामारी की जांच के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए जा रहे हैं, जिसमें आरटी-पीसीआर, रैपिड एंटीजन टेस्ट, ट्रूनॉट, सीबीनाट व एंटीबॉडी टेस्ट आदि शामिल है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डा. निपुण जिंदल ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना परीक्षण सुविधा बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 8 आरटी-पीसीआर व 25 ट्रूनॉट लैब स्थापति की गई हैं। इसके अतिरिक्त राज्य के सभी बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में भी ट्रूनाट टेस्ट सुविधा उपलब्ध करवाने की अनुमति प्रदान की है। राज्य सरकार द्वारा दो अस्पतालों को प्रदान की गई अनुमति में एक कांगड़ा और एक सिरमौर का अस्पताल शामिल है। निजी क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा दिसंबर 2020 में टेस्ट शुल्क दरें सभी प्रकार के करों सहित प्रति टेस्ट 2 हजार रुपये निर्धारित की गई हैं और रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए शुल्क प्रति टेस्ट 300 रुपये निधारित किया गया है। ऐसी सभी प्रयोगशालाओं व अस्पतालों को निर्धारित शर्तो के अनुसार संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लॉग-इन-आईडी लेने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में अब तक 20 प्रयोगशालाओं व अस्पतालों में इस टेस्ट सुविधा को शुरू किया जा चुका है और ट्रूनाट व रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से 1309 व 23668 टेस्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने निजी लैब संचालकों व अस्पतालों से राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों व नियमों के अनुसार रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू करने का भी आग्रह किया है।
कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर के दौरान कोरोना टेस्ट या परीक्षण के बारे में आइसीएमआर की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला कर्मियों के कोरोना संक्रमित हो जाने के कारण प्रयोगशालाओं को निर्धारित परीक्षण लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की सलाह दी गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डा. निपुण जिंदल ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ आइजीएमसी शिमला में स्थित आरटी-पीसीआर प्रयोगशाला का दौरा कर कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट में हो रही देरी के संबंध में जानकारी हासिल की। प्रयोगशाला की वर्तमान क्षमता को बढ़ाने, लैब के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया गया।