रक्तदान शिविर लगाने में अब प्रशासनिक अड़चनें दूर, उपायुक्तों को मंजूरी देने के निर्देश

रक्तदान शिविर लगाने में अब प्रशासनिक अड़चनें दूर, उपायुक्तों को मंजूरी देने के निर्देश

कोरोना का टीका लगवाने के 14 दिन बाद कर सकते हैं रक्तदान, पहले यह अवधि 28 दिन थी

शिमला, 18 मई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी उपायुक्तों और जिला चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कोरोना के दौर में रक्त की भारी कमी को देखते हुए स्वयंसेवी संगठनों को रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति दें। उमंग फाउंडेशन ने इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया था। फाउंडेशन ने ग्रामीण क्षेत्रों में रक्तदान शिविर लगाने का व्यापक अभियान शुरू किया है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि सभी रक्तदान शिविर महामारी के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ही लगाए जाने चाहिए।

उधर केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद रक्तदान करने के लिए निर्धारित 28 दिन की अवधि को घटाकर 14 दिन कर दिया है।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि अब प्रदेश भर में स्वयंसेवी संस्थाओं को रक्तदान शिविर लगाने में प्रशासन से अनुमति लेना आसान हो गया है। कोरोना के फैलाव के कारण प्रदेश में रक्तदान शिविर लगाना मुश्किल हो गया था। इससे इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के अलावा अन्य जिलों में भी रक्त का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष ने बताया कि 18 से 44 साल के आयु वर्ग को कोरोना की वैक्सीन लगाए जाने के कारण भी ब्लड बैंकों में रक्त की गंभीर कमी उत्पन्न हो सकती थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले निर्देश जारी किए थे कि वैक्सीन की एक खुराक लगवाने के 28 दिन बाद ही कोई रक्तदान कर सकता था। इसका अर्थ यह था की लगभग दो महीने तक रक्तदाता खून दान नहीं कर पाता। अब में केंद्र सरकार ने यह अवधि घटाकर 14 दिन कर दी है। करोना की वैक्सीन लगाने के 14 दिन बाद रक्तदान किया जा सकता है।