आईजीएमसी में ब्लैक लिस्ट कंपनी को खाना वितरण का काम सौंपने का मामला

आईजीएमसी में ब्लैक लिस्ट कंपनी को खाना वितरण का काम सौंपने का मामला

युवा कांग्रेस हुई उग्र, अदालत का दरवाजा खटखटाएगा संगठन

शिमला, फरवरी। हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रीमियर स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में अस्पताल में भर्ती रोगियों को खाना उपलब्ध करवाने का टेंडर एक ब्लैक लिस्ट कंपनी को देने का मामला प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार की गले की फांस बनता जा रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस के फ्रंटल संगठन युवा कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष यदुपित ठाकुर ने शिमला में एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि आईजीएमसी प्रशासन ने गुणवत्ता के नाम पर एक ऐसी कंपनी को अस्पताल में रोगियों को खाना उपलब्ध करवाने का टेंडर दे दिया जो खाना उपलब्ध करवाने के मामले में पहले ही भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में ब्लैक लिस्ट हो चुकी है।

यदुपति ठाकुर ने आरोप लगाया कि आईजीएमसी प्रशासन ने केवल मुख्यमंत्री के करीबी होने पर ही गलत तरीके से इस कंपनी को टेंडर आबंटित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में आईजीएमसी प्रशासन ने सोमवार तक स्पष्टीकरण नहीं दिया और इस प्रक्रिया को वापिस नहीं लिया तो संगठन प्रदेश भर में प्रदर्शन करेगा। साथ ही आईजीएमसी का घेराव किया जाएगा और मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका जाएगा।

युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी कहा कि यदि मामले की तुरंत निष्पक्ष जांच नहीं होती है तो संगठन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस किसी भी सूरत में जनता के पैसे की बर्बादी नहीं होने देगी।

यदुपति ठाकुर ने कहा कि आईजीएमसी में रोगियों को खाना उपलब्ध करवाने की कीमत पहले 2 करोड़ रुपए थी लेकिन अब उसे यकायक बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि ये सारा मामला सिर्फ एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने का है, क्योंकि वह व्यक्ति मुख्यमंत्री का करीबी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आईजीएमसी प्रशासन ने पैसे की बंदरबांट की है।