मुख्यमंत्री ने बजट को बताया विकासोन्मुखी

शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के 2021-22 के बजट को विकासोन्मुखी करार दिया है। विधानसभा में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद सरकार ने बजट में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर स्तर पर कठिन दौर देखने को मिला, लेकिन अब हम धीरे-धीरे इससे बाहर निकल रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट में जहां महिला सशक्तिकरण को प्रमुखता दी गई है, वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र को भी खास तवज्जो दी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने और विस्तार देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि बीते चार सालों में राज्य के बजट में 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश का बजट 32,593 करोड़ रुपए था। 2017-18 में यह बढ़कर 35,783 करोड़ रुपए हो गया। वहीं, 2019-20 में प्रदेश का कुल बजट 44,388 करोड़ रुपए और 2020-21 में 49,131 करोड़ रुपए था, जो अगले वित्त वर्ष में 50 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि कोरोना महामारी के कारण पटरी से उतरी राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार खर्च कम करने का प्रयास करेगी। इसके अलावा जीएसटी एकत्रीकरण बढ़ाने पर भी कड़ाई से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी का राज्य की आर्थिकी में बहुत बड़ा योगदान है। ऐसे में इन दोनों ही क्षेत्रों को सरकार प्राथमिकता देगी, ताकि राज्य की आर्थिकी तेजी से सुधरे और कोरोना संकट का असर कम हो।

जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट में भले ही महंगाई को लेकर जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन सरकार आने वाले दिनों में इसे कम करने के लिए कदम उठाएगी। हालांकि उन्होंने यह कहने से इनकार कर दिया कि सरकार खासकर पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करेगी या नहीं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का कल्याण सरकार की वचनबद्धता है और उन्हें नए वेतनमान देने के लिए भी कृतसंकल्प है। लेकिन इसके लिए फिलहाल सरकार पंजाब के अगले वित्त वर्ष के बजट का इंतजार करेगी।