मुख्यमंत्री ने चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में ऑक्सीजन संयंत्र का किया शुभारम्भ

शिमला, 15 मई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से जिला सिरमौर के डा. वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में 300 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में महामारी से लड़ने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों को बेहतर उपचार और उनकी ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से सरकार ने चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में इस पीएसए संयंत्र की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के लिए भारत सरकार द्वारा उपकरण प्रदान किए गए और राज्य सरकार द्वारा गैस मैनीफोल्ड संयंत्र, ऑक्सीजन, पाइप लाइन, सिविल और इलैक्ट्रिक कार्य पर लगभग 58 लाख रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र पर 1.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस संयंत्र से 300 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और इसे कोविड आइसोलेशन वार्ड के 25 बिस्तरों की ऑक्सीजन पाइप लाइन से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र से वेंटीलेटर स्पोर्ट पर निर्भर गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे उनकी ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भरता कम होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक ऑक्सीजन सिलेंडर को हर दो घंटे में बदलने की आवश्यकता होती थी, जिसके लिए श्रमिकों और परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। इस संयंत्र की स्थापना से जरूरतमंद रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध रूप से सुनिश्चित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार रोगियों की कोविड जांच में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि रोगियों को समय रहते उपचार सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय को 32 लाख रुपये की रेफ्रिजरेटिड सेंट्रिफ्यूज्ड और रीयल टाईम पीसीआर मशीन प्रदान की गई है, जिससे कोविड-19 रोगियों की जांच में तेजी लाने में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने नाहन चिकित्सा महाविद्यालय में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 1000 एलपीएम क्षमता वाला एक अतिरिक्त ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की भी घोषणा की।

स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पीएसए संयंत्र स्थापित किए गए हैं और शीघ्र ही अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार के ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे चिकित्सा महाविद्यालय में रोगियों को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि यह केवल मुख्मयंत्री जय राम ठाकुर और केन्द्र सरकार के प्रभावी समन्वय से संभव हो पाया है।