मुख्यमंत्री के अधिकारियों को पर्यटन परियोजनाएं निर्धारित समय में पूरे करने के निर्देश

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड की बैठक

शिमला, 7 अप्रैल। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी पर्यटन परियोजनाओं के कार्य निर्धारित समयावधि में पूरे करने के निर्देश दिए और कहा कि उन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए जिनका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र की असीम संभावनाएं हैं और राज्य सरकार पर्यटकों को बेहतरीन पर्यटन अधोसंरचना उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि मंडी जिले के जंजैहली में पर्यटन केंद्र का कार्य लगभग पूरा हो चुका है जिस पर 25.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह केंद्र इस घाटी की यात्रा पर आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का अतिरिक्त केंद्र बनेगा। इस केंद्र में ओपन एयर थियेटर, तीन कॉटेज, कन्वेंशन सेंटर, कैफेटेरिया और 12 आधुनिक कमरों की सुविधा उपलब्ध होगी।

उन्होंने कहा कि कांगड़ा में 17 करोड़ रुपये की लागत से कांगड़ा हाट का निर्माण किया जा रहा है। डल झील के सौंदर्यीकरण और चम्बा जिले के भलेई में कला एवं शिल्प परियोजना के माध्यम से एक ओर जहां प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा को दर्शाने में सहायता मिलेगी वहीं ये पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का विशेष केंद्र बनकर उभरेंगे। यह परियोजना इस वर्ष सितम्बर माह तक पूरी कर ली जाएगी जिस पर चार करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सोलन जिले के क्यारीघाट में 29.90 करोड़ की लागत से कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है और इसका कार्य भी इसी वर्ष सितम्बर माह तक पूरा कर लिया जाएगा। कंडाघाट के नजदीक 44 बीघा भूमि पर कला एवं शिल्प गांव को विकसित करने का कार्य प्रगति पर है जिसके लिए वन स्वीकृतियां प्राप्त करने की प्रक्रिया जारी है। ये दोनों परियोजनाएं कालका-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर स्थापित की जा रहीं है जिसकी वजह से ये सैलानियों के लिए अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बनेंगी।

मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडी में शिव धाम परियोजना के प्रथम चरण का कार्य निर्धारित समय में पूरा करना सुनिश्चित बनाएं। भविष्य में वाहनों की आवाजाही बढ़ने की संभावना को देखते हुए मंडी से शिव धाम तक सम्पर्क सड़क मार्ग को चौड़ा किया जाए तथा यह भी ध्यान रखा जाए कि कंकरीट के ढांचों के निर्माण नहीं हो।

उन्होंने कहा कि शिमला में बेंटनी कैसल के जीर्णोद्धार का कार्य इसी साल सितम्बर महीने तक पूरा किया जाएगा जिस पर 25.45 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने कह कि राजधानी शिमला की सैर पर आने वाले पर्यटकों के लिए बेंटनी कैसल और टाउन हॉल में लाइट एंड साउंड शो प्रमुख आकर्षण बनेगा। उन्होंने कहा कि भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग को बेंटनी कैसल का सदुपयोग करना चाहिए।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रदेश में सभी प्रमुख हेलीपोर्ट परियोजनाओं का कार्य निश्चित समय में पूरा करने के निर्देश दिए ताकि पर्यटकों को इनका लाभ शीघ्र मिल सके।