हिमाचल में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

हिमाचल में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
मुख्यमंत्री की आपदा राहत के लिए 100 करोड़ रुपये, आपदा न्यूनीकरण एवं आजीविका सुरक्षा परियोजना के लिए 3,000 करोड़ की घोषणा
नशा मुक्ति रोकथाम और पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा
9,500 से अधिक शिक्षकों के पद भरे जाएंगे, 200 नए सीबीएसई स्कूल खोले जाएंगे, सत्र के मध्य शिक्षकों की सेवानिवृत्ति नहीं होगी
सोलर पैनल सब्सिडी के लिए 61 करोड़ रुपये, ई-तिपहिया वाहनों के 2,000 परमिट जारी किए जाएंगे
अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय को नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने की घोषणा
शिमला, 16 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश में 79वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर  राज्य, जिला और उप-मंडल स्तर पर समारोह आयोजित किए गए। समारोह में मुख्यातिथियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी और आईटीबीपी की टुकड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की सलामी ली गई।
जिला मंडी के सरकाघाट में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त आपदा न्यूनीकरण और आजीविका की सुरक्षा के उद्देश्य से 3,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करने की भी घोषणा की। इस वर्ष आपदाओं में जान गंवाने वाले 222 लोगों और सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में मसेरन बस दुर्घटना के आठ मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा की। इस बोर्ड में गृह, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शिक्षा, युवा सेवा एवं खेल, पंचायती राज और कारागार विभागों के विशेषज्ञों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठन और सोशल सांइटिस्ट को शामिल किया जाएगा। यह बोर्ड नशे पर अंकुश लगाने तथा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में काम करेगा। राज्य सरकार द्वारा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के कल्याण के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए नीति आयोग, एम्स, पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग मिलकर एक कार्य योजना तैयार करेंगे।
उन्होंने घोषणा की कि सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों के शिक्षक अब शैक्षणिक सत्र के मध्य में नहीं, बल्कि सत्र के अंत में सेवानिवृत्त होंगे। इनमें स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज के शिक्षक शामिल हैं। उन्होंने राज्य में 200 सीबीएसई पाठ्यक्रम आधारित स्कूल खोलने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए गम्भीर प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है कि जो लोग नकल करेंगे या नकल करवाने में मदद करेंगे उन्हें तीन साल तक का कारावास होगा और इसके लिए सरकार अगले विधानसभा सत्र में विधेयक भी लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने का संकल्प लिया है। जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से एक मेगावाट तक के सोलर प्रोजैक्ट के लिए पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और गैर जनजातीय क्षेत्रों में चार प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के लिए 61 करोड़ रुपये तथा बेरोजगार युवाओं के 2000 ई-थ्री-व्हीलर टैक्सी के परमिट जारी करने की घोषणा की।
उन्होंने अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय को नेरचौक से सरकाघाट स्थानांतरित करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने सरकाघाट में नया बस अड्डा के निर्माण, नागरिक अस्पताल सरकाघाट में बिस्तरों की क्षमता को 100 से बढ़ाकर 150 करने और शिव मंदिर के निकट पार्किंग के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की।
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उप-मुख्यमंत्री ने शिमला में आयोजित जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में फहराया तिरंगा
जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह शिमला के रिज मैदान पर आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उप-मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने की। उप-मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि ने भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। हमारे वीर जवानों ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई बल्कि स्वतंत्रता के बाद भी राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा में अपनी वीरता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जब अस्तित्व में आया, उस समय साधनों की कमी सहित कई चुनौतियां थी। लेकिन हिमाचल लग्न, परिश्रम एंव बुलंद हौसलों के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हिमाचल आज दूसरे पहाड़ी राज्यों के लिए विकास का आदर्श का मॉडल बनकर उभरा है। वर्ष 2023 में हिमाचल ने गम्भीर प्राकृतिक आपदा का सामना किया।