शिमला . वन मंत्री राकेश पठानिया के मंडी दौरे के बाद विभाग के कुछ कर्मचारी सस्पेंड किए गए और कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। वन विभाग के कर्मचारियों को सस्पेंड करने की खबरें मीडिया में आईं तो सवाल खड़े होने लगे। इस पर जब शिमला में मीडिया ने वन मंत्री से कर्मचारियों को सस्पेंड करने पर सवाल पूछा तो मंत्री जी कहते हैं कि कर्मचारियों में मंत्री का डर पैदा हो, इस कारण सस्पेंड किया गया है। मैं जब मंडी दौरे पर था तो विभाग के असफर और स्थानीय विधायक भी थे और यह कर्मचारी वहां से गायब थे। इस कारण सस्पेंड किया गया। मंत्री जी ने तो कर्मचारियों के गायब होने को कारण बताया लेकिन मंडी से आने वाले खबरों में कारण और कुछ बताया गया। खबरों में आया कि मंत्री जी के दौरे के समय वन विभाग के रेस्ट हाउस में 30 के करीब लोगों के खाने का इंतजाम करने के लिए कहा गया। लेकिन वहां पर डिनर के लिए सौ से अधिक लोग हो गए। जिसमें मंत्री के साथ उनके स्टाफ के सदस्य, वन विभाग के अधिकारी और स्थानीय विधायक के साथ उनके समर्थक भी पहुंच गए। जिससे 30 लोगों के खाने की तैयारी में तत्काल सौ से अधिक लोगों की खाने का प्रबंध कर्मचारियों के लिए मुश्किल हो गया। शायद इसी कारण से कुछ स्थानीय नेताओं ने मंत्री जी से शिकायत कर दी कि कर्मचारियों ने खाने का प्रबंध सही नहीं किया। जिसके कारण दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया और कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। कारण बताओ नोटिस में क्या जवाब मांगा गया है इसकी जानकारी तो अभी सार्वजनिक नहीं हो सकी। लेकिन मंत्री जी की यह बात भी हजम नहीं हो सकती कि कर्मचारियों में मंत्री का डर पैदा करने के लिए सस्पेंड किया गया है। मंत्री जी को चाहिए कि वह डर पैदा न करें बल्कि विभाग के कर्मचारियों से वन की रखवाली और वन की हरियाली के लिए कार्य कराएं, जिसके लिए वह नौकरी पर रखे गए हैं। हां यदि वन की रक्षा करने में कोई कर्मचारी कोताही करता है तो उसे सस्पेंड जरुर किया जाए लेकिन खाना का सही प्रबंध न कर पाने के कारण सस्पेंड करना कहां तक उचित है, यह बात मंत्री जी को सोचनी चाहिए। हालांकि मंत्री जी ने खाने का प्रबंध सही न कर पाने की बात का गलत करार दिया है।