शिमला. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद पर सुरेश कश्यप की ताजपोशी के साथ अब सरकार में मंत्रीमंडल के विस्तार और फेरबदल की तैयारी भी है। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार भाजपा हाईकमान से मिली हरी झंडी के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शीघ्र ही मंत्रीमंडल विस्तार कर सकते हैं। सरकार में वर्तमान में 3 मंत्री पद खाली हैं जिनमें भाजपा के सीनियर विधायकों की मंत्री पद पर ताजपोशी होगी। इसके साथ ही कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। मंत्री पद के लिए नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया, जुब्बल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा, ज्वालामुखी के रमेश ध्वाला और पाउंटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी सशख्त दाबेदार हैं। वहीं मंत्री के लिए सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर, भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी और चंबा जिले से विक्रम जरयाल का नाम भी मंत्री पद के दाबेदारों में शामिल है। मंत्री पद के सभी दाबेदार अपने राजनैतिक आकाओं के माध्यम से मंत्री पद पाने के लिए लॉबिंग कर रह हैं। अब देखना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किस विधायक पर विश्वास जताकर मंत्रीमंडल में शामिल करते हैं।
कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन में बहुत कुछ खुल जाने के साथ ही प्रदेश सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। संकट के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के ही न होने पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार मुख्यमंत्री के हाथों होकर ढीक ढंग से चल रहा है। लॉकडाउन में राहत के साथ मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाएं शुरु हो गईं है और हो सकता है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शीघ्र ही अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कर दें। मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाओं के चलते दाबेदारों में फिर मंत्री पद की शपथ लेने की उम्मीद जगी हैं और वह लॉबिंग में जुट गए हैं। सरकार में अभी मंत्री के तीन पद रिक्त हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नूरपुर से विधायक राकेश पठानिया का जयराम मंत्रीमंडल में शामिल होना तय है। इसके बाद बचे दो मंत्री के पदों के लिए कई दाबेदारों के नाम आ रहे हैं जिसमें जुब्बल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा, पॉउंटा साहिब से विधायक सुखराम चौधरी और सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र का नाम प्रमुख दाबेदारों में शामिल है।
वर्तमान में सरकार में तीन मंत्री के पद खाली हैं। मार्च माह में मंत्रीमंडल का विस्तार तय माना जा रहा था लेकिन कोरोना वायरस आने से लॉकडाउन हो गया और मंत्रीमंडल विस्तार नहीं हो सका। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कई बार कह चुके हैं कि शीघ्र ही मंत्रीमंडल का विस्तार होगा। विस्तार की सहमति लेने मुख्यमंत्री कई बार दिल्ली हाईकमान के दरबार भी हो आए। सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कैबिनेट में शामिल कुछ मंत्रियों की परफॉरमेंश ठीक न होने के कारण विभाग बदलना चाहते हैं या मंत्री मंडल से हटाना चाहते हैं।
सरकार के ढाई वर्ष भी पूरे हो चुके हैं और सरकार में लंबे समय से मंत्री के पद खाली हैं। जिससे सरकारी कामकाज का प्रभावित होना लाजमी है। जिससे अब तय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शीघ्र ही मंत्रीमंडल का विस्तार कर पार्टी के सीनियर विधायकों को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपेंगे। मंत्री पद के दाबेदारों में नूरपुर से विधायक राकेश पठानिय सशख्त दाबेदार हैं। वह सीनियर विधायक भी हैं और दबंग नेता भी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का दामन थामे राकेश पठानिया हाईकमान में भी मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसा भी माना जा रहा है कि कैबिनेट में शामिल होने पर पठानिया बेहतर कार्य भी करेंगे और विपक्ष को करारा जवाब देने में भी सक्षम होंगे। वैसे भी कांगड़ा जिले से ही सरकार में दो मंत्री पद एक किशन कपूर के सांसद बनने से और दूसरा विपन परमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने से रिक्त हुआ है। जिससे तय है कि कांगड़ा से मंत्री बनाया ही जाएगा और कांगड़ा जिले में सबसे सीनियर नेता राकेश पठानिया ही हैं। इसके साथ ही मंत्रीमंडल में एक पद मंडी से विधायक अनिल शर्मा के इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुआ है। जिससे संभावना है कि सरकाघाट से लगातार जीतने वाले कर्नल इंद्र को मंत्रीमंडल में स्थान दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी चाहते हैं कि मंडी से रिक्त हुए पद पर मंडी से किसी विधायक को मंत्री बनाया जाए जिसमें कर्नल इंद्र सीनियर विधायक हैं। कर्नल इंद्र का विरोध मंडी के ही कुछ नेता कर रहे हैं लेकिन फिर भी कर्नल की मंत्री पद की दाबेदारी सशक्त मानी जा रही है। वहीं अपर शिमला को अभी तक सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। सत्ता और संगठन के नेता जुब्बल कोटखाई के विधायक व पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा को विधानसभा अध्यक्ष बनाने की पैरवी कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष के लिए बरागटा का नाम सबसे आगे था लेकिन अचानक हाईकमान के द्वारा विपन परमार को बनाने का निर्णय लेने से बरागटा की ताजपोशी नहीं हो सकी। जिससे लगता है कि अब बरागटा को कैबिनेट में स्थान दिया जाएगा। इसके साथ ही मंत्री पद के लिए पोंटा से कई बार विधायक रह चुके सुखराम चौधरी की दाबेदारी मजबूत है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष का पद नाहन के विधायक राजीव बिंदल को दिया गया था लेकिन हाल ही में विवादों के कारण राजीव बिंदल ने प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया हे। जिससे अब तय है कि नाहन जिले से किसी विधायक को सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाए। जिससे सुखराम को भी मंत्रीपद का मजबूत दाबेदार माना जा रहा है। अब देखना है कि सरकार कब मंत्रीमंडल का विस्तार करती है और किसे शामिल करती है। वैसे तो कैबिनेट में किसे शामिल करना है यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है लेकिन हकीकत में ऐसा हो नहीं पाता। इस निर्णय में सरकार, संगठन और हाईकमान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।