जनता को प्रचार की नहीं राहत की जरूरत
शिमला 8 जून
कोरोना काल में महामारी से जूझ रही जनता व भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरी सरकार अब प्रदेश में वर्चुअल रैलियां करने जा रही है। बीजेपी की इन वर्चुअल रैलियों में 2 लाख लोगों को जोडऩे का दावा किया जा रहा है। यह बात कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। अभिषेक ने कहा कि बेशक इन रैलियों का खर्चा पार्टी फंड से होगा लेकिन आर्थिक स्तर पर पिछड़ चुकी जनता जो महामारी के इस दौर में मर-मर कर जीने को विवश है। बेहतर होता कि बीजेपी वर्चुअल रैलियों पर होने वाले खर्चे को संवेदना के आधार पर आम जनता को राहत देने के लिए खर्च करती। जन जीवन महफूज रहेगा तो सियासत के बहुत मौके मिलेंगे। यह सत्तासीन बीजेपी को समझना जरूरी है। सिर्फ अपनी पार्टी के हित व वाहवाही के लिए कोरोना के इस दौर में करोड़ों के खर्चे न कोई तुक है और न ही इस दौर में कोई तर्क बनता है। अभिषेक ने कहा कि बीजेपी ने जो कुछ फैसले देश हित में लिए हैं, आखिर उनका वखान इस दौर में कहां तक न्यायोचित है। क्योंकि उन फैसलों को लेकर बीजेपी लगातार प्रचार में जुटी है। कोविड-19 के इस संकट काल में आम आदमी को प्रचार नहीं राहत की जरूरत है। हिमाचल सरीखे पहाड़ी प्रदेश में लॉकडाउन के बाद जो लोग बेरोजगार हो चुके हैं बेरोजगारी व मंहगाई की मार से उनके परिवार अभावग्रस्त व तनावग्रस्त हैं, लेकिन जहां एक ओर बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है, वहीं पार्टी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बजाय प्रदेश में वर्चुअल रैलियों की तैयार कर रही है। बेहतर होता कि बीजेपी इस वक्त वर्चुअल रैलियों की बजाय आम आदमी को राहत देने का प्रयास करती।