भारत-तिब्बत सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों की अद्भुत सुन्दरता का जल्द अनुभव करेंगे पर्यटक

भारत-तिब्बत सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों की अद्भुत सुन्दरता का जल्द अनुभव करेंगे पर्यटक
सुक्खू शिप्की-ला गांव से करेंगे ‘सीमा पर्यटन’ की शुरूआत
शिमला, 08 जून।
देश भर के पर्यटकों को किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के भारत-तिब्बत सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों की अद्भुत सुन्दरता का अनुभव करने का जल्द अवसर प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू किन्नौर जिला के सीमावर्ती शिप्की-ला गांव से ‘सीमा पर्यटन’ पहल की शुरूआत करने जा रहे है। मुख्यमंत्री अपने आगामी दो दिवसीय किन्नौर दौरे के दौरान इस पहल का शुभारम्भ करेंगे। यह ‘सीमा पर्यटन’ पहल राज्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है जो पर्यटकों को हिमाचल से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे लेपचला, शिप्की-ला ग्यू मठ, खाना दुमटी, सांगला, रानी कंडा, छितकुल तथा लाहौल-स्पीति के चयनित क्षेत्रों तक पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगी तथा वहां रह रहे लोगों की सांस्कृतिक और रहन-सहन की तरीके से अवगत करवाएगी।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार सेे लगातार इस विषय को उठाया है। यह एक दीर्घकालिक प्रयास था जो अब सकारात्मक परिणाम देने जा रहा है और इन दूर-दराज जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
इस पहल का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सतत् पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना तथा क्षेत्र की अनूठी जनजातीय विरासत को संरक्षित करना भी शामिल हैं। भारत-तिब्बत की सीमा से सटे इन क्षेत्रों में विशेष अनुमति लेकर जाना पड़ता था लेकिन अब यह प्रक्रिया सरल बना दी गई है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थानीय निवासी और प्रमाणित पर्यटक अब वैद्य पहचान पत्र दिखाकर इन स्थानों पर जा सकते हैं। आईटीबीपी और सेना निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सुगम और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगी।
यह पहल स्थानीय अवसंरचना को सुदृढ़ करने, पर्यटन के माध्यम से आजीविका के अवसर बढ़ाने और दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के लिए राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ाने के लिए सार्थक सिद्ध होगी।
यह कदम राज्य के विकास में एक परिवर्तनकारी निर्णय है जो सुरक्षा और सामाजिक एवं आर्थिक समावेशन का समन्वय स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
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