भाजपा का नये अध्यक्ष पर राहु की दृष्टि क्या गुल खिलाएगी बता रहे हैं अंक ज्योतिष के माहिर पंडित शशिपाल डोगरा

भाजपा का नये अध्यक्ष पर राहु की दृष्टि क्या गुल खिलाएगी
बता रहे हैं अंक ज्योतिष के माहिर पंडित शशिपाल डोगरा
सत्यदेव शर्मा सहोड़
शिमला।
अंक ज्योतिष की गणना के अनुसार भारतीय जनता पार्टी का नया अध्यक्ष भी छाया ग्रह राहु की चपेट में आ सकता है। शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद सुरेश कश्यप को भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनके ऊपर बहुत सारी उम्मीदें और आशाएं पार्टी ने लगाई हैं। उन पर प्रदेश में पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने का दबाव भी रहेगा। इसके साथ-साथ पार्टी संगठन और सरकार के बीच तालमेल का सामजस्य बिठाना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। वशिष्ट ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा की माने तो भाजपा एक बार फिर से चार अंक के स्वामी राहु में उलझ गई है। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने 22 जुलाई यानि 4 अंक राहु पर प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की है जोकि शुभ नहीं। अंक ज्योतिष के अनुसरा राहु षडयंत्र का कारक। ऐसा लगता है फिर से भाजपा राहु का प्रभाव में आ गई है। डॉ. राजीव बिंदल को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए अभी 57 दिन पूरे हुए व 58वें दिन शुरु होने पर पार्टी को 14वां अध्यक्ष मिला है। अंक ज्योतिष के अनुसार 5+8=13=4 अंक फिर से राहु जिसने अचानक ही फेर बदल कर डाला। पंडित डोगरा के अनुसार पार्टी का 14वां अध्यक्ष 1+4=5 अंक, बुध का अंक जो एक नपुंसक अंक है। जिसका अपना कोई अपना असर नहीं। जिसके साथ जाएगा वैसे ही फल देगा। परंतु भाजपा का 14वां अध्यक्ष, 1 व 4 अंक है। एक सूर्य का कारक व 4 राहु का। फिर से ग्रहण योग बना रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नये अध्यक्ष के लिए संगठन और सरकार में तालमेल बिठाने की राह आसन नहीं है। वर्ष 2020 पहले ही राहु से ग्रसित है। इसमें कोरोना संक्रमण, ग्रहण, प्राकृतिक आपदाएं और अनगिनत व्याधियां आ रही हैं।
सटीक भविष्यवाणी के लिए जाने जाते पंडित डोगरा
वशिष्ट ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने 23 मई को घोषणा की थी कि 27 के बाद प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल संभव है। ज्ञात रहे कि 27 मई को ही पार्टी के निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने इस्तीफा दे दिया था। जिससे प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल पैदा हो गई। पंडित शशिपाल डोगरा सटीक भविष्यवाणी के लिए जाने जाते हैं। उनकी इस घोषणा के बाद प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक तूफान आ गया था। कांगड़ा में उठा पार्टी का वाकयुद्ध भी इसी भविष्यवाणी के साथ जोडक़र देखा जा रहा है।