बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस का खतरा

बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस का खतरा

शिमला, 2 जून। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉ. प्रकाश दरोच ने कहा है कि कोविड-19 के साथ-साथ अन्य बीमारियों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आने वाले बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि स्क्रब टाइफस एक रिकेटसिया नामक जीवाणु से से फैलता है जो कि पिसुओं में पाया जाता है। संक्रमित पिसू व जंगली चूहे घरों के आस-पास उगी घास व खेतों में से घरों में आ जाते हैं और संक्रमित पिसू स्वस्थ आदमी को काटता है और स्क्रब टाइफस फैलाता है। इससे बचने के लिए उन्होंने बताया कि हमें घरों के आस-पास उगी घास पतवार को साफ कर देना चाहिए। घरों के अन्दर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए व पिसुओं को मारने के लिए घरों में किटनाशक का छिड़काव करना चाहिए, साथ में अपनी व अपने कपड़ों की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। खेतों में काम करते समय शरीर को पूरे ढके हुए कपड़े पहनें तथा पैरों को पूरे ढकने वाले जूते पहनने चाहिए।

उन्होंने वताया कि स्क्रब टाइफस वाले मरीज को 104 से 105 ड्रिग्री तक का बुखार होता है, जोड़ों में दर्द, गर्दन, बाजुओं के निचले भाग व कुल्हों में गिल्टियां होना इसके लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त नजदीक के स्वाथ्य केन्द्र जाकर डॉक्टर को दिखाएं, अपनी मर्जी से दवा न खाएं।