फिर सुनसान हुई शिमला-कालका हैरिटेज रेल लाईन

फिर सुनसान हुई शिमला-कालका हैरिटेज रेल लाईन

अब सिर्फ एक ही रेल गाड़ी दौड़ेगी इस ट्रैक पर

शिमला, 9 मई। विश्व धरोहर शिमला-कालका रेललाईन फिर सूनी हो गई है। कोरोना की पहली लहर के बाद ये रेल लाईन न केवल तेजी से आबाद हुई बल्कि इस रेल लाईन पर चलने वाली रेल गाड़ियों में 80 फीसदी एडवांस बुकिंग भी हो रही थी। मगर अब कोरोना की दूसरी लहर ने सब कुछ चौपट कर दिया है और न केवल एडवांस बुकिंग पूरी तरह खत्म हो चुके हैं बल्कि रोजमर्रा के यात्री भी इस रेलगाड़ी में सफर नहीं कर रहे हैं। ऐसे में रेलवे को मजबूरन इस रेललाईन पर फिर से अपना परिचालन रोकना पड़ा है।

हालत ये है कि रेलवे को अपनी छह में से पांच रेल गाड़ियां इस रेल लाईन पर बंद करनी पड़ी है। इनमें से दो रेलगाड़ियां आज से बंद हो गई हैं और अब केवल एक ही रेल गाड़ी इस रेललाईन पर रह गई हैं।

शिमला रेलवे स्टेशन के अधीक्षक जोगिंद्र सिंह के मुताबिक शिमला-कालका रेललाईन पर विस्टा डोम एक्सप्रेस और शिवालिक एक्सप्रेस का परिचालन पहले ही बंद हो चुका है। अब आज से रेल मोटर कार और फेस्टिवल स्पेशल रेल गाड़ियां चलना भी बंद हो गई है। अब इस रेल लाईन पर सिर्फ कालका-शिमला स्पेशल ट्रेन ही चलेगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में पर्यटन को कोरोना की पहली लहर के बाद बढ़ावा देने के लिए शिमला-कालका रेललाईन का काफी हाथ रहा। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी कोरोना की पहली लहर के बाद इस रेल गाड़ी से शिमला तक सफर किया और इस रेल लाईन पर चलने वाली गाड़ियों की गति बढ़ाने की भी घोषणा की थी जिस पर काम चल रहा है। साथ ही इस रेललाईन पर चलने वाली रेलगाड़ियों के डिब्बों को भी नया रूप देकर इन्हें आकर्षक बनाया जा रहा है ताकि इस रेललाईन के माध्यम से ज्यादा पर्यटक हिमाचल पहुंच सकें। मगर कोरोना की दूसरी लहर ने सब तहस-नहस करके रख दिया है। कुछ दिन पहले तक पर्यटकों की चहल से आबाद ये रेललाईन अब फिर से सूनी पड़ गई है। इस रेललाईन पर 1903 में रेल गाड़ी चलना आरंभ हुई थी और इसे अब यूनेस्को हेरीटेज रेललाईन का दर्जा हासिल है।