फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उपकरणों पर सब्सिडी देगी सुक्खू सरकार 

फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए उपकरणों पर सब्सिडी देगी सुक्खू सरकार
शिमला, 25 अगस्त।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए उपयोगी उपकरणों पर सब्सिडी देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों में साउंड तथा लाइट सिस्टम भी शामिल होगा। वे सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक अनुराधा राणा के सवाल का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जंगली जानवरों द्वारा इंसानों को हो रहे नुकसान में ही राहत राशि देने का प्रावधान है। इसमें किसी भी व्यक्ति की मौत, उसके गंभीर रूप से घायल होने या चोट लगने जैसी स्थिति शामिल है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों द्वारा घरेलू पशुओं की मौत के मामले में भी राहत राशि देने का प्रावधान है।
विधायक रीना कश्यप के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर छैला-नेरीपुल-सनौरा सड़क को सीआरएफ में डालने तथा एक वैकल्पिक मार्ग बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सेब सीजन के दौरान और बरसात में यह मार्ग जगह-जगह भूस्खलन के कारण बाधित रहता है। इन परिस्थितियों को छोड़कर इस मार्ग पर यातायात सुचारू रूप से चलता है। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर अधिक भार क्षमता वाले वाहनों की आवाजाही पर कड़ी नजर रखने के लिए एसपी सिरमौर और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
विधायक कुलदीप राठौर के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमारसेन पुलिस थाना भवन के लिए कुमारसेन के भराड़ा में भूमि चिन्हित कर ली गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह थाना एक निजी किराए के भवन में चल रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस थाना के भवन निर्माण के लिए शिक्षा विभाग से भूमि ट्रांसफर की जा रही है और भूमि पुलिस के नाम होने पर इसका निर्माण शुरू करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने विधायक बिक्रम ठाकुर के एक सवाल के जवाब में कहा कि बीते दो सालों में प्रदेश में वन महोत्सव के माध्यम से 35240 पौधे लगाए गए। उन्होंने कहा कि वन महोत्सवों के आयोजनों पर 1787720 रुपए खर्च किए गए। पौधरोपण पर 1492050 रुपए की राशि खर्च की गई। उन्होंने कहा कि इन पौधों की जीवित रहने की दर 60 से 100 फीसदी है। उन्होंने कहा कि पौधरोपण के बाद इनकी देखभाल और निगरानी संबंधित क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा की जाती है।
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मंडी शहरकी पेयजल योजना दुरुस्त करने के लिए चाहिए 20-25 करोड़
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक अनिल शर्मा के सवाल के जवाब में कहा कि मंडी शहर के लिए बनी पेयजल योजना वर्ष 2023, 24 और मौजूदा साल में आई प्राकृतिक आपदा के कारण अत्याधिक प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की मुख्य पाइप मथयानी गांव के कारण जमीन धंस जाने के कारण बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। इसे देखते हुए इस पाइप लाइन को बदलकर अधिक ऊंचाई से ले जाना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के स्थाई हल के लिए 20 से 25 करोड़ रुपए की आवश्यकता है और इसके लिए विशेष केंद्रीय अनुदान की जरूरत है।
विधायक संजय अवस्थी के एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएसबीटी शिमला में अस्पताल खोलने के मामले में बस अड्डा प्राधिकरण जांच करवा रहा है। उन्होंने कहा कि बस अड्डे में पार्किंग फ्लोर को अस्पताल के उपयोग के लिए इस शर्त पर दिया गया था कि ठेकेदार नियामक प्राधिकरण से सभी जरूरी अनुमतियां प्राप्त करेगा और सभी करों का भुगतान भी स्वयं करेगा, लेकिन ठेकेदार ने ऐसा कुछ नहीं किया। इसके चलते इस अस्पताल की बिजली पानी काट दिया गया था, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने इसे बहाल कर दिया।
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अपग्रेड होगा खेगसू का पुल
लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधायक लोकेंद्र कुमार के एक सवाल के जवाब में कहा कि खेगसू में राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर स्थित बहुत काफी पुराना हो गया है और इसे अपग्रेड करने की जरूरत है। उन्होंने माना कि पुल की हालत अत्याधिक ट्रैफिक के कारण ठीक नहीं है। इसे देखते हुए कुल्लू जिले के खेगसू से शिमला जिले के अरपू को सतलुज नदी पर नए पुल के निर्माण की आवश्यकता है। इसे वार्षिक योजना से बनाया जाएगा।
विधायक अजय सोलंकी के एक सवाल के जवाब में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एफसीए और एफआरए के मामलों के निपटान में और तेजी लाई जाएगी, ताकि विकास कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके। इसके लिए सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एफसीए और एफआरए के मामलों के निपटारे के लिए विधायक निधि से पैसा दिया जा सकता है।
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चुराह में लगेगा विशेष कोर्ट
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक डॉ. हंसराज के सवाल के जवाब में कहा कि जाति दुरुस्ती के लिए चुराह में विशेष कोर्ट लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वहां के जाति दुरुस्ती के 247 मामले लंबित हैं और यह लंबे समय से है। उन्होंने माना कि यह प्रक्रिया जटिल है। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने समय सीमा तय की है और कितने समय में केस निपटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इन मामलों को जल्द सुलझाने का प्रयास करेगी और इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा और फिर चुराह में भी कोर्ट लगाया जाएगा।
इससे पहले, डॉ. हंसराज ने कहा कि जाति दुरुस्ती की प्रक्रिया को सरल किया जाए और सेटलमेंट ऑफिसर के पास जा रही फाइलों को क्या डीसी या फिर एसडीएम के माध्यम से ठीक करवाया जाएगा।