प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने को एमएलए फंड में कटौती से करने नहीं हिचकिचाएगी सरकार: सुक्खू 

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने को एमएलए फंड में कटौती से करने नहीं हिचकिचाएगी सरकार: सुक्खू
प्राकृतिक खेती योजना अब राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना
क्षमता चाहिए कड़े फैसले लेने की, हम टाइम पास सरकार नहीं
शिमला, 25 अगस्त।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने जा रही है और वर्ष 2027 तक हिमाचल प्राकृतिक खेती के मामले में देशभर में अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कड़े फैसले लेने की सरकार में क्षमता होनी चाहिए और हम टाइमपास सरकार नहीं है, बल्कि कड़े फैसले लेने में विश्वास रखते हैं। मुख्यमंत्री ने सोमवार को सदन में नियम 130 के तहत विधायक जेआर कटवाल द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सुदृढ़ एवं कारगर नीति तैयार करने को लेकर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि यदि जरूरी हुआ तो सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विधायक निधि में कटौती से गुरेज नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रही प्राकृतिक खेती योजना को राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना का नाम देने की भी घोषणा की। उन्होंने सभी विधायकों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती के लिए फार्म भरवाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार खेती बाड़ी कर रहे लोगों की फसलों की सुरक्षा के लिए खेतों में जालीदार बाड़ लगाने की योजना शुरू करेगी।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम सामने आने लगे हैं और अब किसानों के हाथों में पैसा आ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता शिक्षा है, जबकि दूसरी स्वास्थ्य और तीसरी कृषि है।
इससे पूर्व, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य में 38437 हैक्टेयर जमीन पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए पंजीकृत किसानों का सरकार निरीक्षण करने जा रही है। इसके अलावा सरकार प्राकृतिक खेती को बड़े बाजारों से जोड़ने पर भी काम कर रही है ताकि प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके और उन्हें औने-पौने दामों पर अपनी फसल न बेचनी पड़े।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्राकृतिक खेती की खपत, अस्पतालों, हॉस्टलों, आंगनबाड़ी और बालबाड़ी में भी होगी ताकि बच्चों को बचपन से ही गुणवत्तायुक्त भोजन मिल सके। उन्होंने दावा किया कि हिमाचल रसायनिक खादों के प्रयोग में पड़ोसी राज्यों से काफी पीछे है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही कृषि विवि पालमपुर में प्राकृतिक खेती उत्पादों की टेस्टिंग लैब स्थापित करने जा रही है ताकि भविष्य में प्रदेश में पैदा होने वाले प्राकृितक खेती उत्पादों को कम से कम तीन प्रयोगशालाओं से जांच कर ही प्राकृतिक खेती उत्पाद का प्रमाण पत्र दिया जा सके।
इससे पूर्व, जीतराम कटवाल द्वारा लाए गए इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा में विधायक भवानी सिंह पठानिया, डॉ. हंसराज,  विवेक शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, किशोरी लाल, विनोद सुल्तानपुरी, केवल सिंह पठानिया, दलीप ठाकुर ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।