परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां राज्य परिवहन विकास और सड़क सुरक्षा परिषद् की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा अभियान को जन अभियान बनाया जाएगा और इसे ‘सड़क सुरक्षा संस्कृति’ के रूप में स्थापित किया जाएगा।
बिक्रम सिंह ने कहा कि लगभग 95 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानवीय गलतियों के कारण होती हैं। इनमें से 62.86 प्रतिशत दुर्घटनाएं ओवर स्पीड के कारण होती हैं जिन्हें सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करके कम किया जा सकता है। विभाग ने प्रदेश और जिलों में व्यापक रूप से सड़क-सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाए हैं जिसके फलस्वरूप पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 7.62 प्रतिशत, मृत्यु दर में 5.13 प्रतिशत और घायलों की संख्या में 11.65 प्रतिशत की कमी आई है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि परिवहन और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से ओवर स्पीडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, ओवर लोडिंग और ओवर टेकिंग जैसी गलत आदतों के प्रति लोगों को जागरूक कर हिमाचल प्रदेश को सुरक्षित राज्य बनाने के प्रयास करेंगे।
परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़कों के ब्लैक स्पाॅट्स को ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समयबद्ध कार्य पूरा न करने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए लोक निर्माण, स्वास्थ्य और परिवहन विभाग को समन्वय स्थापित करके कार्य करना सुनिश्चित करें।
परिवहन मंत्री ने कहा कि अधिकतर 20 से 30 आयु वर्ग लोग अधिकतर सड़क दुर्घटना के शिकार होते हैं। इसलिए विद्यालय स्तर पर बच्चों को सड़क-सुरक्षा के प्रति जागरूक करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही विद्यालयों में सड़क-सुरक्षा संबंधी पाठ भी पढ़ाए जाएंगे। सरकारी एवं निजी क्षेत्र से जुड़े हुए वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए प्रदेश भर में सेमीनार और जागरूकता शिविर आयोजित करवाए जाएंगे।
बैठक की कार्यवाही का संचालन निदेशक परिवहन कैप्टन जे.एम. पठानिया ने किया।
प्रधान सचिव परिवहन के.के पंत, प्रबंधन निदेशक हिमाचल पथ परिवहन निगम युनूस, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग हरबंस सिंह ब्रसकोन और निदेशक स्वास्थ्य भारत भूषण सहित सरकारी और गैर सरकारी सदस्य इस बैठक में उपस्थित थे।