पद्मश्री डॉ़ भारती स्नेक बाईट मैनेजमेंट के लिए बने डब्ल्यूएचओ के एक्सपर्ट
शिमला, 25 फरवरी। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित रैबीज विशेषज्ञ डॉ. उमेश भारती को सर्पदंश के नियंत्रण और रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने पैनल में रणनीतिक विशेषज्ञ के रूप में शामिल किया है। सर्पदंश प्रबंधन पर उनकी विशेषज्ञता को स्वीकारते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोगों के नियंत्रण के लिए विशेषज्ञ सेवाएं और जानकारी लेने का निर्णय लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह समय-समय पर डा. भारती की अपनी विभिन्न परियोजनाओं में सहायता लेंगे और उनकी तकनीकी जानकारी का भी इस्तेमाल करेंगे। 53 वर्षीय डॉ. भारती ने कहा कि यह उनके लिए बहुत ही सम्मान की बात है कि रैबीज के साथ-साथ वह लंबे समय से सर्पदंश प्रबंधन पर काम कर रहे थे। सर्पदंश प्रबंधन पर राष्ट्रीय परामर्श का एक हिस्सा, डॉ. भारती भारत में सर्पदंश की घटनाओं को जानने के लिए पहली बार अध्ययन के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा स्वीकृत 7 करोड़ रुपये की परियोजना में सह-प्रधान अन्वेषक हैं। इस परियोजना में हिमाचल प्रदेश सहित आठ राज्यों में सर्पदंश के मामलों के लिए 12 करोड़ आबादी की स्क्रीनिंग शामिल है।
डॉ. भारती के रेबीज कुत्ते के काटने के इलाज के शोध ने कुत्ते के काटने के इलाज की लागत को 35,000 रुपये से घटाकर 350 रुपये कर दिया था। 2018 में डब्ल्यूएचओ द्वारा रेबीज प्रोफिलैक्सिस के लिए उनकी लागत, समय और आजीवन उपचार प्रोटोकॉल की सिफारिश की गई थी।
रेबीज प्रोफिलैक्सिस पर डब्ल्यूएचओ के संशोधित दिशा-निर्देशों ने भारती के अनुसंधान कार्य का उल्लेख किया जो उन्होंने शिमला में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के इंट्रा डर्मल एंटी-रैबीज क्लिनिक और रिसर्च सेंटर में किया था। इस काम के लिए उन्हें 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।