हिमाचल में आसमानी आफत जारी 

हिमाचल में आसमानी आफत जारी
दो एनएच और 311 सड़कें बंद
अभी कुछ दिन और जारी रहेगा भारी वर्षा का दौरा
मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर 7 घंटे तक फंसे रहे लोग
शिमला, 16 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीते 24 घंटे के दौरान व्यापक से भरी और बहुत भारी वर्षा का दौर जारी रहा। इसके चलते जहां राज्य में दो राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हैं, वहीं 311 अन्य सड़कें भी बंद है। इसके अलावा बिजली के 348 ट्रांसफार्मर और 119 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हैं। प्रदेश में सर्वाधिक 175 सड़कें मंडी जिला में बंद हैं। जबकि कुल्लू में 63, कांगड़ा में 25, चंबा में 12, शिमला में 13 और ऊना में 7 सड़कें बंद है। शनिवार को मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 7 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा। इसके चलते इस सड़क से यात्रा कर रहे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि इनमें से बड़ी संख्या में लोग सुरंग के भीतर ट्रैफिक जाम में फंस गए थे। इस सड़क पर फिलहाल यातायात आरंभ हो गया है।
किन्नौर जिला आपातकालीन आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केंद्र रिकांगपिओ के अनुसार टिंकू नाले के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-05 पर सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से सड़क कट गई है। इस वजह से इस मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने आदेश दिए हैं कि पूह गाँव और उससे आगे जाने वाले सभी वाहन स्पीलो से आगे न जाएँ। प्रशासन के अनुसार एनएच-05 को रविवार सुबह तक बहाल कर दिया जाएगा।
इधर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाली गिरी, गुम्मा और अश्वनी खड्ड जैसी तीनों प्रमुख पेयजल योजनाओं पर आई बाढ़ के बाद यहां पंपिंग मशीनरी बह जाने से शहर के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को चार दिन बाद भी पानी की आपूर्ति आरंभ नहीं हो पाई। नगर निगम शिमला के विभिन्न पेयजल भंडारण टैंकों में शनिवार शाम तक केवल 15.30 एमएलडी पानी ही पहुंचा जबकि शहर की हर रोज पानी की जरूरत 50 एमएलडी से अधिक है। हालांकि शनिवार को शिमला और आसपास के इलाकों में दिनभर वर्षा न होने से लोगों ने राहत की सांस ली।
इस बीच मौसम विभाग ने प्रदेश में 19 अगस्त तक अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई है। इसके बाद वर्षा संबंधी गतिविधियों में कुछ कमी आ सकती है।
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कहां कितने बरसे बादल
बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के श्रीनैना देवी में सर्वाधिक 160.6 एमएम वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा पालमपुर में 101.4, मंडी में 62.4, कोठी में 48.2, मलरौंन में 35, जोगिंदर नगर में 32 धर्मशाला में 28.4, करसोग में 28.2, सराहन में 28, बिलासपुर में 25.8 और सराहन में 22.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
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अभी तक 2144 करोड़ का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में मौनसून के पहुंचने से लेकर अब तक मौनसून संबंधी घटनाओं बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने और अचानक बाढ़ आने से अभी तक 2144 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मौनसून से जुड़ी घटनाओं में अभी तक राज्य में 261 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 37 लापता हैं। लापता लोगों में से सर्वाधिक 27 लोग मंडी जिला से हैं। इसके अलावा प्रदेश 278 पक्के घर और 288 कच्चे घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं।