हिमाचल में मूसलाधार वर्षा

हिमाचल में मूसलाधार वर्षा
तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट
शिमला, 11 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश में 4 दिनों के लिए सोमवार से जारी ओरेंज अलर्ट के बीच सोमवार को राज्य के कई क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा हुई। राजधानी शिमला में दिन भर वर्षा का सिलसिला जारी रहा जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा से नदी-नाले उफान पर हैं और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी है, क्योंकि अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका है, जिससे भूस्खलन और अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 17 अगस्त तक राज्य के आधे जिलों में ओरेंज और शेष जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इसमें 14 अगस्त तक भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट रहेगा। सोमवार रात लाहुल-स्पीति और किन्नौर को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट है। 12 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जबकि कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट है। इन जिलों में नदी-नालों से दूर रहने और ढलान वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। राज्य में अब तक मानसून से कुल नुकसान 2007 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1071 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 682 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
13 और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, शिमला और सोलन में इस दौरान भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 14 अगस्त को शिमला जिला में भी भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी है जबकि 15 अगस्त को कुल्लू, शिमला और सिरमौर में येलो अलर्ट रहेगा।
इस बीच बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा वर्षा बिलासपुर सदर में 50 मिमी दर्ज हुई। शिमला के सराहन और चंबा के चुआड़ी में 30-30 मिमी, सिरमौर के राजगढ़ और कांगड़ा के देहरा गोपीपुर में 20-20 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
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315 सड़कें बाधित, 72 ट्रांसफार्मर व 491 पेयजल योजनाएं
हिमाचल प्रदेश में सोमवार शाम तक 315 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 181, कुल्लू में 84, कांगड़ा में 23 और सिरमौर में 11 सड़कें शामिल हैं। कुल्लू में नेशनल हाईवे-305 जहेड खनाग के पास बंद है। राज्य में 72 बिजली ट्रांसफार्मर ठप्प हैं। 491 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हैं।
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229 लोगों की मौत हुई
मौनसून सीजन में अब तक वर्षाजनित हादसों में 229 लोगों की मौत हो चुकी है, 36 लापता हैं और 323 घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी में 44, कांगड़ा में 35, चंबा में 26, शिमला में 21, कुल्लू में 18, किन्नौर और हमीरपुर में 16-16, सोलन में 15, ऊना में 13, बिलासपुर में 10, सिरमौर में 9 और लाहुल-स्पीति में 6 लोग शामिल हैं।2077 घर क्षतिग्रस्त हुए
अब तक 2077 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 499 पूरी तरह ढह गए। 311 दुकानें और 1955 पशुशालाएं नष्ट हुई हैं। अकेले मंडी में 1181 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 405 पूरी तरह ढह गए। प्रदेश में 54 भूस्खलन, 59 बाढ़ और 30 बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुई हैं।