टैक्स माफी और कियाशील पूंजी का मामला जाएगा कैबिनेट की बैठक में

निजी बस आप्रेटों की मांगों का मामला

टैक्स माफी और कियाशील पूंजी का मामला जाएगा कैबिनेट की बैठक में

शिमला, 28 अप्रैल। कोरोना महामारी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने यदि निजी बस आप्रेटरों की मांगें नहीं मानी तो आने वाले दिनों में उसके खिलाफ एक और बड़ा मोर्चा खुलने वाला है। इससे जहां सरकार की छवि और खराब होगी वहीं प्रदेश की जनता को भी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि निजी बस आप्रेटरों ने राज्य में 3 मई से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। ऐसे में अब जयराम ठाकुर सरकार निजी बस आप्रेटरों की मान मनव्वल पर उतर आई है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज शिमला में निजी बस आप्रेटरों से अपनी हड़ताल वापिस लेने की गुहार लगाई है।

परिवहन विभाग के प्रवक्ता ने आज शिमला में कहा कि विभाग ने निजी बस आप्रेटरों की मांगों पर विचार किया है और मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इस संबंध में चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि निजी बस आप्रेटरों के क्रियाशील पूंजी और टैक्स माफी के प्रस्ताव हैं जिनपर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इन दोनों मामलों को जल्द ही मंत्रिमण्डल की बैठक के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रवक्ता ने सभी निजी बस आप्रेटरों से प्रस्तावित हड़ताल को वापिस लेने का आग्रह किया है ताकि कोरोना काल में आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

गौरतलब है कि प्रदेश के निजी बस आप्रेटरों ने 3 मई को बसों की चाभियां और रूट परिमट जिलाधीशों के माध्यम से सरकार को सौंपने और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। निजी बस आप्रेटरों का कहना है कि सरकार ने कोरोना के कारण छायी आर्थिक मंदी के चलते लगभग हर वर्ग को रियायतें दी हैं लेकिन निजी बस आप्रेटरों का इसमें कोई ख्याल नहीं रखा गया है। उनका कहना है कि कोरोना के डर के चलते लोग बसों में यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में बसों का परिचालन खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है और बस आप्रेटर दिवालियेपन के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में उन्हें क्रियाशील पंजी और टैक्स माफी की तत्काल जरूरत है।