टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए जिला ऊना में शुरु हुआ सर्वे
शिमला, 8 फरवरी। ऊना जिले में टीबी के रोगियों की चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय सर्वे आज से शुरू हो गया है, जो 28 फरवरी तक चलेगा। सर्वे का शुभारंभ सीएमओ ऊना डॉ. रमण कुमार शर्मा ने आज क्षेत्रीय अस्पताल से किया।
सीएमओ ने कहा कि 8 फरवरी से जिला ऊना के पोलियां बीत, राम नगर, झोट, सासन व तेई गांवों में सबसे पहले सर्वे का कार्य शुरू हो गया, जिसके तहत पांच टीमें घर-घर जाकर टीबी के रोगियों की पहचान करेंगी, ताकि उन्हें सही समय पर इलाज दिया जा सके। सर्वे के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सर्वे का डाटा राष्ट्रीय स्तर पर साझा किया जाएगा, जिसकी जांच कार्य 7 मार्च तक पूरा किया जाना है। अगर ऊना में टीबी के मामलों में 20 प्रतिशत की गिरावट आती है, तो जिला का ब्रॉन्ज मेडल पर दावा बनेगा। उन्होंने जिला ऊना वासियों से इस सर्वेक्षण में सही जानकारी देकर सहयोग करने की अपील की है।
उन्होंने बताया कि टीबी उन्नमूलन के लिए उप-राष्ट्रीय दावे के सत्यापन के लिए भारत सरकार द्वारा चार राष्ट्र स्तरीय संगठनों को जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑप एपिडेमयोलॉजी चेन्नई, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरक्लोसिस, इंडियन एसोसिएशन फॉर प्रिवेंटिव एवं सोशल मेडिसिन तथा डब्ल्यूएचओ शामिल हैं।
डॉ. रमण कुमार शर्मा ने कहा कि टीबी के सबसे कम मामलों में जिला ऊना देश भर में नौंवे पायदान पर तथा प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2015 में 9 टेस्ट करने पर टीबी का एक मरीज सामने आता था, जबकि वर्ष 2016 व 2017 में 11 में से एक, वर्ष 2018 में 13 में से एक, वर्ष 2019 में 18 में से एक और वर्ष 2020 में किए गए 22 टेस्ट में से एक व्यक्ति टीवी का मरीज पाया गया।