जीएसटी एकत्रीकरण और कर चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश

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शिमला, 7 जनवरी। आबकारी विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला में कहा कि जीएसटी एकत्रीकरण और कर की चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि राज्य के लिए अधिकतम संसाधन जुटाया जा सके। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान राजस्व प्राप्तियों के एकत्रीकरण के सम्बन्ध में विभाग के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। कोविड के प्रभाव के बावजूद विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 में राज्य कोष के लिए 4703 करोड़ रुपये एकत्रित किए जबकि पिछले वित्त वर्ष इस अवधि के दौरान यह राशि 5066 करोड़ रुपये थी। मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्त वर्ष और पिछले वित्तीय वर्ष के संचयी राजस्व के बीच घटते अन्तर पर भी संतोष व्यक्त किया, जो जुलाई, 2020 में 39 प्रतिशत से दिसम्बर, 2020 में सात प्रतिशत हुआ।

जयराम ठाकुर ने कर चोरी का पता लगाने के लिए विभागीय प्रवर्तन क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करने पर बल दिया। इससे खामियों को दूर कर प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने विभाग को करदाताओं की सुविधा के लिए उनके साथ नियमित संवाद करने और उन्हें जागरूक करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि विभाग को पर्याप्त रूप से सुदृढ़ किया जाएगा और ऐसी सभी सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जो पारदर्शिता और कुशल कामकाज के माध्यम से सरकार के राजस्व को अधिकतम करने के लिए प्रभावी और कुशल प्रशासन के लिए आवश्यक हैं।

मुख्यमंत्री ने करदाताओं में जागरूकता लाने के लिए जीएसटी एफएक्यूज पुस्तिका भी जारी की।

प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान द्वारा पंजीकृत सोसायटी टैक्निकल सर्विसेज एजेंसी की ओर से मुख्यमंत्री को राज्य कोष के लिए 1.5 करोड़ रुपये का चेक भेंट किया गया।

प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान, जे.सी. शर्मा ने फील्ड अधिकारियों के प्रदर्शन पर निरंतर निगरानी रखने पर बल दिया। उन्होंने ई-वे बिल के भौतिक सत्यापन, जीएसटीआर3बी की रिटर्न फाइलिंग के अनुपालन और राज्य के राजस्व में वृद्धि के लिए करदाताओं द्वारा फाईल रिटर्न में असंतुलन पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के भी निर्देश दिए।