शिमला जिला के लोगों ने भाजपा को नकारा
शिमला, 24 जनवरी। शिमला जिला कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा ने कहा है कि हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने अधिकतर सीटों पर जीत का परचम लहराया है। उन्होंने कहा कि शिमला जिले में जिला परिषद के 24 वार्ड में से 12 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीत कर आये हैं जबकी भाजपा के केवल 4 प्रत्याशी ही जीत पाए हैं। उन्होंने कहा कि शिमला जिला में भाजपा द्वारा 9 सीटों पर जीत का दावा सरासर झूठ है।
छाजटा ने आज शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को शिमला जिला में जिला परिषद व बीडीसी चुनावों में मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण, कसुम्पटी और ठियोग विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। उन्होंने कहा कि पंचायत समिति और प्रधान पद के चुनावों में भी जिला शिमला में अधिकतर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीते हैं। लोगों ने प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों का कांग्रेस के समर्थन में जनादेश देकर प्रदेश सरकार को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ बोल कर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा जोड़तोड़ कर, डरा धमकाकर कर निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने में जुटी है।
उन्होंने कहा कि यह जीत प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विकास कार्यो पर उनकी मोहर है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रभावित लोगों की जो सहायता की उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश में लोगों का कांग्रेस को भारी जन समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस ने लोगों की आवाज को सरकार तक पंहुचने का पूरा प्रयास किया और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया है।
यशवंत छाजटा ने बताया कि मतदान ओर मतगणना की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब आगामी प्रक्रिया के लिए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गंगू राम मुसाफिर को शिमला जिला का ऑब्ज़र्वर लगाया गया है जो आगामी प्रक्रिया में जिला परिषद के जीत कर आये कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्यों से बातचीत कर आम सहमति से अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चयन को अंतिम रूप देंगे। छाजटा ने कहा कि भाजपा को शिमला जिला के लोगों ने पूरी तरह नकार दिया है।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने बागवानों व किसानों की अनदेखी की है उसका परिणाम अब उसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भी हार का मुंह देखना पड़ेगा।