बीजेपी की सियासत का नया शगुफा
शिमला 6 जून
कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि छोटे मुंह बड़ी बात करना मर्यादा के खिलाफ है, लेकिन सियासी धर्म को समझें तो प्रदेश सरकार में बेखौफ चले भ्रष्टाचार ने न केवल प्रदेश को कलंकित किया है बल्कि प्रदेश को शर्मसार करके रख दिया है। विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना संकट के बीच इस भ्रष्टाचार का बदस्तूर चलना सरकार की नाकामी को भी इंगित करता है और अब प्रदेश की जनता को हैरानी इस बात की हो रही है कि नैतिकता व भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बातें करने वाली बीजेपी सरकार में इस्तीफा संगठन के मुखिया का हो रहा है, जबकि सरकार चलाने का जिम्मा मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों का है, इस नाते भ्रष्टाचार की सीधी जिम्मेदारी व जवाबदेही भी सरकार की ही बनती है, लेकिन जुमलों-शगुफों की सियासत करने वाली सरकार ने अब जनता का भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए पार्टी मुखिया का इस्तीफा दिलवाकर प्रदेश में नई सियासत शुरू कर दी है। हेल्थ विभाग जिसमें तीन-तीन डायरेक्टरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम हेल्थ मिनिस्टर का इस्तीफा तक हो चुका है। अब महामारी के दौर में उसी विभाग में नित नए भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड बन रहे हैं, जिसकी सीधी जिम्मेदारी सरकार पर आनी वाजिब है। ऐसे में संगठन के मुखिया के त्याग पत्र का न कोई तर्क है, न तुक है। अभिषेक ने कहा कि अगर नैतिकता के आधार पर ही सरकार को भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी स्वीकारनी है तो इस्तीफा फिर उनका जरूरी है, जिनके विभाग में यह बेखौफ भ्रष्टाचार हुआ है। बेशक राजनीति के लिए राजनीति जरूरी है लेकिन प्रदेश की जनता के हितों व स्वास्थ्य सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ हरगिज सहन नहीं होगा।