सभी जल शक्ति उप-मंडलों में बनेंगे जल संरक्षण ढांचेः जय राम ठाकुर
जल की गुणवत्ता जांचने और जल स्त्रोतों की सफाई के लिए चलाए जाएंगे विशेष अभियान
शिमला, 22 मार्च। विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति अभियान कैच द रेन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान ‘कैच द रेन, व्हेयर इट फॉल्स, वेन इट फॉल्स’ विषय के अंतर्गत देश के सभी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा। इस जन अभियान के अंतर्गत जन सहभागिता सुनिश्चित कर उन्हें जल संग्रहण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला मंडी के सराज विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जंजैहली के निकट कुठाह मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय जल दिवस की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य के सभी जल शक्ति उप-मंडलों में वर्षा जल संग्रहण और जल संरक्षण के लिए कम से कम एक जल संरक्षण ढांचे के निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल की गुणवत्ता जांचने के लिए जून माह के पहले पखवाड़े में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत गांवों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के जल के नमूनों की जांच प्रयोगशाला में की जाएगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर तक सभी जल स्त्रोतों की सफाई के लिए अभियान चलाया जाएगा जिसका उद्देश्य जल गुणवत्ता और जल संरक्षण को एक जन अभियान बनाना है। जल शक्ति विभाग द्वारा 25 जनवरी, 2021 जल गुणवत्ता और संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जो 24 जनवरी, 2022 तक जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी 3615 पंचायतों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित कर गांवों के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी और गांव जल व सफाई समितियां गठित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य जल शक्ति विभाग के एचपी वाटर बिल्ज़ मोबाईल ऐप का भी शुभारम्भ किया जिसके माध्यम से लोग अपने फोन से पानी के बिलों का भुगतान कर सकेंगे। यह ऐप राज्य एनआईसी द्वारा विकसित की गई है और उपभोक्ताओं को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई इत्यादि के माध्यम से बिल का भुगतान करने में सहायक सिद्ध होगी। यह ऐप 1 मई, 2021 से प्रदेश के लगभग 13.5 लाख उपभोक्ताओं को सुविधा प्रदान करेगी।
उन्होंने इस अवसर पर लोगों को जल संरक्षण के लिए जल शपथ भी दिलाई। इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने जल संरक्षण से सम्बन्धित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों और उपभोक्ताओं के साथ भी बातचीत की।