विधानसभा बजट सत्र
जयराम सरकार पर लगाया प्रायोजित गुंडागर्दी का आरोप
शिमला, 1 मार्च । हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कांग्रेस के पांचों विधायकों ने अपने निलंबन और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में आज विधानसभा परिसर में धरना दिया। इन विधायकों में मुकेश अग्निहोत्री, हर्षवर्धन चौहान, सुंदर सिंह ठाकुर, विनय कुमार और सतपाल रायजादा शामिल हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए शुक्रवार को विधानसभ परिसर में हुए घटनाक्रम के लिए सरकार को जिम्मेवार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारी घटना सरकार प्रायोजित थी और इसके पीछे मुख्यमंत्री का षड्यंत्र था। उन्होंने राज्यपाल के साथ हुई बदसलूकी की घटना के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष और कुछ मंत्रियों को ही जिम्मवार ठहराया तथा कहा कि उन्हें भी सदन की कार्यवाही से निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार सदन में महंगाई व बेरोजगारी समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करने से बचना चाह रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष और भाजपा के एक मंत्री ने कांग्रेस विधायकों के साथ धक्का-मुक्की की है। लेकिन इनके विरूद्व कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
विधानसभा परम्पराओं व कायदे-कानून से चलती है, लेकिन ये पहली सरकार है जो तमाम कानून व परम्पराओं को रौंद कर फैसले ले रही है। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए सरकार राज्यपाल की आड़ ले रही है, ताकि विधानसभा में इनकी नाकामियों की चर्चा न हो पाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण को संक्षिप्त पढ़ने को लेकर सर्वदलीय बैठक में सहमति होनी चाहिए थी। बजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में भी सरकार ने जिक्र नहीं किया कि राज्यपाल अभिभाषण को पूरा नहीं पढ़ेंगे। अग्निहोत्री ने कहा कि एक बार जब कल्याण सिंह यहां के राज्यपाल थे, तब उन्होंने भी विधानसभा में अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा था, लेकिन उस वक्त सर्वदलीय बैठक में इसे लेकर सहमति बनी थी।