कोरोना की मार
शिमला, 20 मई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह कोविड मरीजों के परिवारों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि एक परिवार के सभी सदस्य संक्रमित हो जाते हैं तो इस स्थिति में स्वयं सहायता समूह ऐसे परिवारों को उनके पशुधन, कृषि गतिविधियों आदि कार्यों में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों द्वारा उनकी आय में वृद्धि के लिए की गई पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी ताकि उनके उत्पादों को बेहतर बाजार मिल सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’ ग्रामीण महिलाओं की कृषि से आय बढ़ाने में वरदान सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की कोई भी महिला, जिनके पास मनरेगा जॉब कार्ड हो, इस योजना के अन्तर्गत एक लाख रुपये तक का लाभ ले सकती है। उन्होंने कहा कि इस योजना के शुरू होने के उपरान्त अब तक महिलाओं के लिए 10364 कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिन पर 13.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इस योजना से मुख्य रूप से ग्रामीण महिलाओं को मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान स्वयं सहायता समूहों को प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए भी आगे आना चाहिए, क्योंकि कोरोना कर्फ्यू के कारण उन्हें रोजगार पाने में कठिनाई हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की लगभग आधी आबादी है, इसलिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना समाज के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों ने न केवल ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत किया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों को बढ़ावा देने और उनके उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने में हर संभव सहायता प्रदान करेगी ताकि उन्हें उत्पादों के अच्छे दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश आज कोविड के कठिन दौर से गुजर रहा है। इस संकट की घड़ी में हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करें। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को कोविड मरीजों वाले परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी एसओपी और दिशा-निर्देशों के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को शिक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं सामाजिक और धार्मिक समारोहों में लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी अपने विचार सांझा किए।