निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का मामला

निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी का मामला

छात्र अभिभावक मंच कल घेरेगा शिक्षा निदेशालय

शिमला, 4 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश छात्र अभिभावक मंच निजी स्कूलों द्वारा वर्ष 2021 में ट्यूशन फीस में की गई 65 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी और कम्प्यूटर फीस में की गई शत प्रतिशत बढ़ोतरी के खिलाफ 6 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव करेगा। मंच ने इस बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है। साथ ही निजी स्कूल प्रबंधकों द्वारा शिक्षकों और गैर-शिक्षकों की कोरोना काल में छंटनी तथा उनको वेतन न देने का भी कड़ा विरोध किया है।

मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा और अन्य पदाधिकारियों ने आज शिमला में कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामी और निजी स्कूलों के साथ उसकी मिली भगत के कारण ये स्कूल दोबारा से मनमानी पर उतर आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये स्कूल मौजूदा शैक्षणिक सत्र में फिर से सीधी लूट अभिभावकों से कर रहे हैं। इन स्कूलों ने इस वर्ष ट्यूशन फीस में अभिभावकों के साथ बिना किसी बैठक के ट्यूशन फीस में 15 से 65 फीसदी तक की वृद्धि कर दी है। यही नहीं ये स्कूल कोरोना के कारण छाई आर्थिक मंदी के कारण पूरी तरह मनमानी कर रहे हैं और कंप्यूटर फीस भी 100 प्रतिशत तक बढ़ा दी है।

मंच ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निजी स्कूलों की फीस के संचालन के संदर्भ में दिए गए दिशा-निर्देशों व मार्च 2020 के शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं और इन स्कूलों ने अभिभावकों की आमसभा की भूमिका को पूरी तरह दरकिनार कर दिया है। निजी स्कूल अभी भी वार्षिक शुल्क की वसूली करके पिछले दरवाजे से एडमिशन फीस वसूल रहे हैं। मंच का कहना है कि एक ओर सरकार ने 15 अप्रैल तक स्कूलों को बंद कर दिया है जबकि दूसरी ओर निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज भेजकर तुरंत फीस जमा करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। यही नहीं कुछ स्कूलों ने फीस जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं दिया है। यह जानबूझकर किया जा रहा है ताकि अभिभावक दबाव में आएं और निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित मनमानी फीस को जमा करवाने के लिए मजबूर हो जाएं। छात्र अभिभावक मंच ने सरकार से फिर से अपील की है कि वह निजी स्कूलों में फीस, पाठ्यक्रम व प्रवेश प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तुरंत कानून बनाए तथा रेगुलेटरी कमीशन का गठन करें।