बजरंगी भाई जान फिर बना देवदूत

बजरंगी भाई जान फिर बना देवदूत

शिमला, 21 अप्रैल। हरियाणा पुलिस स्टेट क्राइम ब्रांच में बजरंगी भाई जान के नाम से मशहूर हो चुके एएसआई राजेश कुमार एक बार फिर नेपाल के एक परिवार के लिए देवदूत साबित हुए। नेपाल के दाग जिले के तुलसीपुर निवासी लक्ष्मण का बेटा वर्ष 2015 में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के कोटखाई से गुम हो गया था। उस समय लक्ष्मण के बेटे की उम्र महज दस साल थी। लक्ष्मण ने अपने गुम हुए बेटे को ढूंढने का बहुत प्रयास किया लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली।

हरियाणा पुलिस स्टेट क्राइम ब्रांच पंचकुला में तैनात एएसआई राजेश कुमार इस तरह के मामलों को सुलझाने में वर्षों से महारत हासिल कर चुके हैं। ऐसे में एक दिन उन्हें हरियाणा के ही यमुना नगर जिला के छछरौली स्थित चिल्ड्रन होम के काउंसलर माया राम का फोन आया। माया राम ने बताया कि चिल्ड्रन होम में नेपाल का एक बच्चा रहता है जो 12 वर्ष की आयु से इस चिल्ड्रन होम में लाया गया था और अब दसवीं कक्षा का छात्र है। इस पर राजेश कुमार ने बच्चे की काउंसलिंग की। काउंसलिंग में पता चला कि इस बच्चे को अपने पिता का नाम और नेपाल के तुलसीपुर जिले का नाम ही याद है। इस पर राजेश कुमार ने बच्चे की पूरी जानकारी ली और फोटो नेपाल में कार्यरत एक स्वयंसेवी संस्था तथा दिल्ली स्थित नेपाल के रेस्क्यू ऑफिसर नवीन जोशी से साझा किया और अंतत: गुम हुए इस बच्चे की बहन और जीजा ने नेपाल के एक टीवी चैनल में चली खबर में बच्चे को पहचान लिया तथा एएसआई राजेश कुमार से संपर्क साधने में सफल हुए। आज अंतत: इस गुमशुदा बच्चे को राजेश कुमार ने सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसके पिता लक्ष्मण और अन्य रिश्तेदारों के हवाले सोलन में किया। इस बच्चे को राजेश कुमार यमुना नगर स्थित चिल्ड्रन होम से सोलन लाए जहां उसे रिश्तेदारों के सुपुर्द किया गया।