शिमला, 13 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण इन दिनों पूरे यौवन पर है। ऐसे में इस महामारी का साफ असर आज से शुरू हुए चैत्र नवरात्रे पर भी देखने को मिला। प्रदेश के तमाम शक्तिपीठों सहित छोटे-बड़े मंदिरों में कोरोना के चलते आज श्रद्धालुओं की भीड़ अपेक्षा से काफी कम रही।
प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने राज्य में चैत्र नवरात्रों के दौरान मंदिरों में लंगर, भंडारे और जगरातों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। साथ ही मंदिरों में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना प्रोटोकॉल का भी कड़ाई से पालन करना पड़ रहा है। मंदिरों में बिना मास्क के प्रवेश की इजाजत नहीं है और सामाजिक दूरी के नियम को भी कड़ाई से लागू किया जा रहा है। नवरात्रों के पहले दिन कम ही लोगों ने मंदिरों का रुख किया और अधिकांश लोग ने घरों में ही पूजा पाठ किया।
राज्य में कोरोना संक्रमण अत्यधिक बढ़ गया है। ऐसे में प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट है। नवरात्रों के दौरान मंदिरों में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। ऐसे में आज जिलों में सभी बड़े अधिकारियों ने बारी-बारी से मंदिरों का दौरा किया और कोरोना प्रोटोकॉल को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का निरीक्षण किया।
प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयना देवी में चैत्र नवरात्रों के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से पैक्ड फूड उपलब्ध करवाया जा रहा है। हालांकि अन्य मंदिरों में ऐसी व्यवस्था नहीं है। आज प्रदेश में बैसाखी का पर्व भी धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में डूबकी लगाई और पूजा अर्चना की।