मंडी, 3 जून : हिमाचल सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री एक बीघा योजना’’ की शुरूआत के साथ एक अभिनव पहल की है। इस योजना को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से जोड़ा गया है ताकि ग्रामीण आर्थिकी को बल मिल सके। योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं बैकयार्ड किचन गार्डन का कार्य कर सकती हैं।
इसके अंतर्गत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा (या 0.4 हेक्टेयर) तक की भूमि है, वह सब्जियों और फलों को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में 21 मई को इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारम्भ किया था।
मंडी के जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी नवीन शर्मा बताते हैं कि इस योजना के तहत महिलाएं अपने घर में किचन गार्डन तैयार करने के लिए इससे जुड़े भूमि विकास कार्य, वर्मी कम्पोस्ट बनवाने जैसे एक लाख रुपए तक के कार्य करवा सकती हैं। किचन गार्डन के लिए उन्हें जिन बीजों की आवश्यकता होगी वह भी उन्हें सरकार की ओर से उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंडी जिला में 3822 स्वयं सहायता समूह पंजीकृत हैं, जिनसे करीब 20 हजार महिलाएं जुड़ी हैं। वे इस योजना का लाभ ले सकती हैं। इसके लिए संबंधित बीडीओ से भी जानकारी ली जा सकती है।
नवीन शर्मा बताते हैं कि इस योजना के तहत लाभार्थी अपना काम मनरेगा शैल्फ में शामिल करवा सकते हैं, यदि किसी का नाम मनरेगा शैल्फ में नहीं है तो वे पंचायत से मंजूरी लेकर भी योजना का लाभ ले सकते हैं।
कोरोना काल में विकास कार्यों को गति देने के लिए मनरेगा में खर्चे 29 करोड़
नवीन शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के कारण मंडी जिला में जो विकास कार्य पहले रूके हुए थे, 20 अप्रैल से लगातार उन पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निर्देशानुसार मनरेगा के कार्य प्राथमिकता के आधार पर आरम्भ कर दिए गए हैं। जिला में 20 अप्रैल से बाद से अब तक विभिन्न विकास कार्यों के तहत 29 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि जिला मंडी में वर्तमान में मनरेगा के तहत 23 हजार विभिन्न विकास कार्य चल रहे हैं। 20 अप्रैल के बाद से 15219 मस्ट्रोल जारी किए जा चुके हैं। 46 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है, इनमें 62 प्रतिशत महिलाओं ने कार्य किए हैं ।
नवीन शर्मा ने कहा कि मनरेगा योजना में महत्वाकांक्षी योजना है। इससे लोगों को काफी फायदे हैं। उन्हें घर द्वारा पर रोजगार मिल रहा है। 90 दिन का कार्य करने पर उन्हें भवन एवं अन्य श्रम कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत किया जाता है और कल्याण बोर्ड के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाता है।