कोरोना वैक्सीन टीकाकरण में आईजीएमसी की बड़ी उपलब्धि
शिमला, 24 मई। कोरोना महामारी के मौजूदा दौर में कोरोना वैक्सीन एकमात्र ऐसा सहारा है जो किसी भी व्यक्ति को इस जानलेवा महामारी से बचा सकता है। ऐसे में आसानी से कोरोना वैक्सीन के महत्व को समझा जा सकता है। क्योंकि कोरोना वैक्सीन का एक टीका एक जान बचाने में सक्षम है। ऐसे में केंद्र से लेकर प्रदेशों तक सरकारें कोरोना वैक्सीन की बर्बादी रोकने पर सबसे अधिक ध्यान दे रही है। इसके बावजूद देश के कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन की अभी भी बर्बादी हो रही है। इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश न केवल कोरोना वैक्सीन टीकाकरण में देश भर में अव्वल रहा है बल्कि यहां कोरोना वैक्सीन की बर्बादी भी नहीं हुई है। हिमाचल प्रदेश सरकार का प्रीमियर स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला कोरोना वैक्सीन की बर्बादी रोकने और इसके सदुपयोग में न केवल सबसे ऊपर है बल्कि इस संस्थान ने इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि भी हासिल की है। आईजीएमसी शिमला में स्थित कोरोना वैक्सीन टीकाकरण केंद्र में कोरोना वैक्सीन की एक वायल से हालांकि दस डोज देने का ही प्रावधान है लेकिन चूंकि कंपनी की ओर से हर वायल में निर्धारित मात्रा से कुछ मिलीलीटर अधिक वैक्सीन डाली जाती है। ऐसे में आईजीएमसी शिमला का वैक्सीन टीकाकरण केंद्र वैक्सीन की इस अतिरिक्त मात्रा का शतप्रतिशत सदुपयोग कर रहा है और एक वायल से 10 लोगों के स्थान पर 11.5 डोज निकाल रहा है।
ऐसे में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को दी जा रही इस वैक्सीन के निर्धारित शतप्रतिशत लक्ष्य से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। आईजीएमसी शिमला में कोविड वैक्सीन टीकाकरण के नोडल अधिकारी डा. शाद रिजवी के मुताबिक टीकाकरण केंद्र में 17 मई को निर्धारित लक्ष्य 100 के मुकाबले 106, 21 मई को 100 के मुकाबले 125 और आज 24 मई को 100 के मुकाबले 114 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। डा़ शाद का कहना है कि एक ही अतिरिक्त व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने का मतलब एक अतिरिक्त जान बचाना है। ऐसे में आईजीएमसी प्रशासन कोरोना वैक्सीन टीकाकरण में शून्य प्रतिशत बर्बादी के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है और ये संभव हुआ है टीकाकरण अभियान में लगे अनुभवी स्वास्थ्य कर्मियों की बदौलत।
आईजीएमसी शिमला कोरोना वैक्सीन टीकाकरण केंद्र कितनी गंभीरता से कोरोना महामारी को रोकने के लिए टीकाकरण में जुटा है इस बात का अंदाजा यहां से भी लगाया जा सकता है कि सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक टीकाकरण के लिए पंजीकृत लोगों के टीकाकरण केंद्र में न पहुंचने पर उन्हें स्वास्थ्य कर्मी व्यक्तिगत रूप से फोन करके बुला रहे हैं और यदि इसके बावजूद कोई व्यक्ति टीकाकरण के लिए उपलब्ध नहीं होता है तो उसके स्थान पर उपलब्ध नए स्लॉट के लाभार्थियों को टीका लगाया जा रहा है।
किसी भी उपलब्ध वैक्सीन का टीका अवश्य लगवाएं
डा. शाद रिजवी का कहना है कि लोगों को कोरोना वैक्सीन के बारे में सभी शंकाओं को भूलकर उपलब्ध किसी भी वैक्सीन का टीका अवश्य लगवाना चाहिए क्योंकि कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने का मतलब कोरोना से शत प्रतिशत बचाव है।
वैक्सीन से संक्रमण का 50 प्रतिशत कम खतरा
आईजीएमसी शिमला कोरोना वैक्सीन टीकाकरण केंद्र में साईट मैनेजर डॉ. गोपाल आशीष शर्मा के अनुसार कोरोना वैक्सीन लगवाने के बावजूद यदि कोई व्यक्ति इस महामारी से संक्रमित होता है तो भी उसके परिजनों को संक्रमण का खतरा 50 प्रतिशत कम हो जाता है क्योंकि वैक्सीन लगवाने से संक्रमण की प्रभावशीलता 50 फीसदी कम हो जाती है।