कौशल विकास भत्ता योजना के संस्थानों का हो नियमित निरीक्षण
जिला स्तरीय समिति की बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को दिए निर्देश
हमीरपुर 20 जुलाई। उपायुक्त हरिकेश मीणा ने रोजगार विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कौशल विकास भत्ता योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध किए गए निजी संस्थानों का नियमित रूप से निरीक्षण करें तथा उनके पूरे रिकॉर्ड की जांच करें। सोमवार को कौशल विकास भत्ता योजना की जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और मान्यता भी रद कर दी जाएगी।
हरिकेश मीणा ने कहा कि जिला में सभी सरकारी आईटीआई, बहुतकनीकी कालेजों और अन्य व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों के अलावा 32 निजी संस्थानों को भी कौशल विकास भत्ता योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है। इन सरकारी एवं निजी संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पात्र युवाओं को कौशल विकास भत्ता प्रदान किया जा रहा है। बैठक में जिला स्तरीय समिति ने निजी संस्थानों में करवाए जा रहे विभिन्न कोर्सों को लेकर व्यापक चर्चा की और मानक पूरे न करने वाले 9 संस्थानों की मान्यता रद करने की अनुशंसा की। उपायुक्त ने बताया कि ये संस्थान विभिन्न मानकों को पूरा नहीं कर पा रहे थे और इन्होंने अग्रिशमन विभाग विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत नहीं किया है।
हरिकेश मीणा ने बताया कि अभी तक जिला के लगभग 25095 युवाओं को कौशल विकास भत्ता मिल चुका है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास भत्ता योजना के लिए पात्र युवाओं को वर्तमान परिस्थितियों और औद्योगिक एवं अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में मांग के अनुसार ही कोर्स करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। तभी यह योजना सार्थक सिद्ध होगी।
बैठक के दौरान जिला रोजगार अधिकारी योगराज धीमान ने कौशल विकास भत्ता योजना और इसमें सूचीबद्ध निजी संस्थानों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। बैठक में डीआरडीए के परियोजना अधिकारी केडी सिंह कंवर, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक जीएल नेगी और विभिन्न तकनीकी शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्य भी उपस्थित थे।