कोविड-19 नियंत्रण में हिमाचल प्रदेश ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : जय राम ठाकुर

शिमला, 3 फरवरी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांफिडरेशन ऑफ इण्डियन इन्डस्ट्री द्वारा आयोजित चेंजिंग लैंडस्केप ऑफ इण्डियन फार्मा सेक्टर विषय पर आज शिमला में आयोजित वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड महामारी ने हम सभी को अपनी स्वास्थ्य रणनीति पर पुनः विचार करने के लिए विवश कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बद्दी में एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब होने का गौरव प्राप्त है, जिसका श्रेय प्रदेश में कार्यरत फर्मा कम्पनियों को जाता है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के नियंत्रण में हिमाचल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और इस दौरान प्रदेश ने पूरे देश के साथ-साथ विश्व के 30 देशों को भी दवाई पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट में केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में 137 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि आज देश न केवल इस महामारी से लड़ने में आत्मनिर्भर बनकर उभरा है, बल्कि विभिन्न देशों को पीपीई किट, वेंटीलेटर और एन-95 मास्क जैसे उपकरण भी निर्यात कर रहा है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को बल्क ड्रग फार्मा मिलने की उम्मीद कर रही है। प्रदेश में उद्यमियों को पर्याप्त भूमि की उपलब्धता, अतिरिक्त बिजली आपूर्ति, निवेश अनुकूल नीतियां आदि जैसे विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं, जो निवेशकों को कहीं और नहीं मिल सकते है। उन्होंने पीएम केयर और सीएम कोविड फंड के प्रति उदारतापूर्वक अंशदान करने के लिए प्रदेश के फार्मा उद्योगों का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार की बल्क ड्रग पार्क योजना के तहत सक्रिय रूप से बोली लगाई है और जिला ऊना में 1405 एकड़ भूमि पर इस पार्क की स्थापना के लिए 1 हजार 190 करोड़ रुपये की परियोजना का प्रस्ताव भेजा है। लगभग 8 हजार करोड़ रुपये के निवेश से 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार सुनिश्चित होगा। यह पार्क राज्य के लगभग 15000 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान करेगा।

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नवम्बर, 2019 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट को सफल बनाने में सीआईआई ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि राज्य ने पिछले 50 वर्षों के दौरान औद्योगिक क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य के फार्मा उद्योग ने दुनिया के कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की।