शिमला, 24 अप्रैल। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2021 के अवसर पर आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से राज्य के पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार का पूर्ण सहयोग करें और संबंधित पंचायतों में होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की सहायता करने के अतिरिक्त लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए भी प्रेरित करें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज राज्य के लिए कोविड-19 के मामलों में वृद्धि एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी की पहली लहर के दौरान पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के प्रतिनिधियों ने इस महामारी के कारण उत्पन्न संकट में लोगों की सहायता करने में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन, मास्क, सेनिटाइजर आदि प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि इस बार वायरस का प्रसार अधिक तेज और ज्यादा घातक है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका और बढ़ गई है। उन्हें अपनी संबंधित पंचायतों के लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा निर्वाचित प्रतिनिधियों को वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करने में भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि वायरस से खुद को बचाने के लिए यही एक प्रभावी रास्ता है।
उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। उन्होंने देश के अन्य हिस्सों से राज्य में वापिस आने वाले प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे एक सप्ताह तक अपने घरों में होम आइसोलेशन में रहे और यदि कोई लक्षण हो तो स्वेच्छा से कोविड परीक्षण करवाएं। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के घरों का दौरा करें और उन्हें होम आइसोलेशन में रहने के लिए प्रेरित करें।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के लिए धन कोई कमी नहीं है। 15वें वित्त आयोग ने राज्यों में पंचायतों के लिए 1600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य सरकार ने इसमें से 200 करोड़ रुपये पंचायतों के लिए जारी कर दिए हैं। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अपनी-अपनी पंचायतों में सभी विकासात्मक परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करें। वर्तमान राज्य सरकार ने राज्य में 412 नई पंचायतों का गठन किया है जिसका उद्देश्य पंचायतों को अधिक प्रतिनिधित्व देना है। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1992 में देश में 73वां संविधान संशोधन पंचायतों को सशक्त बनाने और पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में राष्ट्र प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग को ई-पंचायत में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा पुरस्कार हासिल करने के लिए बधाई दी। उन्होंने पुरस्कार विजेता पंचायतों के प्रधानों को भी बधाई दी।