कोरोना मरीजों की सेवा में लगेंगे शिक्षक

कोरोना मरीजों की सेवा में लगेंगे शिक्षक

शिमला, 27 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को बंद हुए एक साल से अधिक का समय बीत चुका है। राज्य में 23 मार्च 2020 को प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की थी और तब से लेकर अब तक स्कूल बंद हैं। ऐसे में राज्य में शिक्षक भी स्कूल अथवा अन्य शिक्षण संस्थान नहीं गए हैं। प्रदेश सरकार ने अब राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों को होम आईसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की सेवा और कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने के काम में लगाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आज शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। अवर सचिव शिक्षा कुलतार सिंह राणा द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि शिक्षा विभाग के स्टाफ खासकर शिक्षकों को अब होम आईसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की सेवा और कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के काम में लगाया जाए। आदेशों में कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की सेवाएं कोरोना की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए किया है। शिक्षा निदेशक को जारी ओदशों में कहा गया है कि वह इन आदेशों के संबंध में सभी अधिकारियों को सूचित करें ताकि शिक्षकों की सेवाएं इन कार्यो के लिए तुरंत प्रभाव से ली जा सके।

गौरतलब है कि बीते एक साल के दौरान शिक्षक नाममात्र के लिए ही शिक्षण संस्थानों तक पहुंचे हैं और इस दौरान सिर्फ ऑनलाईन पढ़ाई ही करवा रहे हैं। हालांकि अभी तक के सभी सर्वेक्षणों में ऑनलाईन पढ़ाई के नतीजे उत्साहवर्धक नहीं रहे हैं और विद्यार्थियों की पढ़ाई का स्तर काफी अधिक गिर गया है। यही नहीं कई विषय ऐसे हैं जिनकी ऑनलाईन पढ़ाई संभव ही नहीं है। ऐसे में अब सरकार को भी शिक्षकों को आर्थिक संकट के बीच मोटा वेतन देना अखर रहा है।

इस बीच हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। शिक्षक नेता मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के कई अध्यापक पहले से ही कोरोना वॉरियर की तरह सेवाएं दे रहे हैं।