हिमाचल में सुदृढ़ होगी बाल चिकित्सा स्वास्थ्य अधोसंरचना
शिमला, 1 जून। हिमाचल प्रदेश की जयरमा ठाकुर सरकार ने राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। संभावित लहर को देखते हुए सरकार ने राज्य में बाल चिकित्सा से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और संभावित तीसरी लहर से प्रभावित ढंग से निपटने के लिए पहले से ही संभावित आवश्यकताओं तथा आपूर्ति संबंधी कार्ययोजना बनाने को कहा। मुख्यमंत्री आज शिमला में वर्चुअल माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों तथा चिकित्सा अधीक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों के लिए चिंताजनक साबित हो सकती है, इसलिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बाल रोग वार्ड और सेवाओं को सुदृढ़ करने पर अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल रोग से संबंधित स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अब भी प्रभावी निगरानी के साथ-साथ टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की दोहरी रणनीति अपनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त अपने जिलों में परीक्षणों की संख्या में वृद्धि करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन का न्यूनतम अपव्यय सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि देश और राज्य इसे वहन नहीं कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को राज्य के सभी 50 बिस्तरों या इससे अधिक बिस्तरों वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति उपलब्ध करवाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की उचित सूची और भण्डारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लगभग 11 हजार लोग अभी भी होम आइसोलेशन में हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य मापदण्डों की नियमित निगरानी के लिए उनके साथ समन्वय बनाए रखना आवश्यक है। वर्तमान में प्रदेश में आठ पीएसए ऑक्सीन प्लांट कार्यशील हैं और तीन अन्य शीघ्र कार्यशील हो जाएंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रतिबंधों को बहुत लम्बे समय तक जारी रखना संभव नहीं है इसलिए यदि मामले इसी गति से कम होते हैं तो प्रदेश सरकार आने वाले समय में कोरोना कर्फ्यू में कुछ ढील देने पर विचार कर सकती है।