शिमला, 5 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान 2402 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज मण्डी जिला के नेर चैक में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के परिसर में हिमाचल प्रदेश गैर-राजपत्रित कर्मचारी फेडरेशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय भूमिका निभाने के लिए कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस दौरान यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन में कोई कटौती न की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ हमेशा सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बनाए रखे हैं। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हितों को हमेशा ही सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के रूप में 1140 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि दैनिक भोगी कर्मचारियों को दी जाने वाली दिहाड़ी वर्ष 2017 में 210 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन की गई है, जिसके चलते उन्हें 32.40 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लाभ प्रदान किए गए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन नई पेंशन योजना के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी में वृद्धि की है, जो वर्ष 2003 से 2017 तक सेवानिवृत्त हुए या उनकी मृत्यु हो गई है। इससे उन्हें लगभग 110 करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय बाध्यता और कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन के बावजूद प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को समय-समय पर सभी वित्तीय लाभ प्रदान किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नई पेंशन योजना के अंतर्गत मूल वेतन, महंगाई भत्ता और एनपीए का राज्य हिस्सा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इससे राज्य सरकार के लगभग 80 हजार कर्मचारियों को 250 करोड़ रुपये का अतिरक्त लाभ मिलेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कर्मचारी सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध कायम रखेंगे और राज्य के विकास के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव देते रहेंगे, जिससे हिमाचल प्रदेश को अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बनाया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 50,192 करोड़ रुपये का राज्य बजट प्रस्तुत किया है, जिसमें से 20 हजार करोड़ रुपये राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन पर व्यय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि वेतन के मामले में हिमाचल प्रदेश पंजाब का अनुसरण करता है और पंजाब ने नए वेतन आयोग को लागू करने का फैसला किया है, इसलिए राज्य सरकार वेतन आयोग को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगे शीघ्र पूरी की जाएंगी। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि संयुक्त समन्वय समिति की बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी और कर्मचारियों की मांगों का समाधान किया जाएगा।