कृषि कानूनों को लेकर किया जा रहा किसान आंदोलन राजनीतिक गुटों की लड़ाई
हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा है कि कृषि कानूनों को लेकर किया जा रहा किसान आंदोलन राजनीतिक गुटों की लड़ाई बन कर रह गया है। आंदोलन के नाम पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को उन्होंने राजनीति से प्रेरित करार दिया। कहा कि प्रदेश में आगामी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार विजयी होंगे। स्व. पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के मौके पर 25दिसंबर को भाजपा प्रदेश में सुशासन दिवस मनाएगी। इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ता सेनेटाइजर व मास्क वितरण का काम करेंगे।
मंगलवार को शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार के कोविड-19 मैंनेजमैंट को लेकर भी राहुल गांधी और विपक्षी दलों की तरफ से फैलाया जा रहा भ्रम भी टूट गया है। कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर भी विपक्ष भ्रम फैला रहा था, लेकिन कोरोना काल में इनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 80 करोड़ गरीबों तक 8 महीनों तक लगातार अनाज पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण रोजगार के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए गए। इतना ही नहीं कोरोना काल में किसानों को भी हर संभव मदद उपलब्ध करवाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि 3 कृषि कानून भी किसान हितों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। इससे किसानों को बिचौलियों और फसल बेचने की बंदिशों से आजादी मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश का किसान नए कृषि कानूनों के महत्व को समझता है। विभिन्न राज्यों से आए किसान प्रतिनिधियों ने इन बिलों को अपना समर्थन देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि किसानों के नाम पर किए जा रहे आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि किसान अब कहने लगे हैं कि कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए।