कुलपति की नियुक्ति पर नोटिस
शिमला, 19 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डा़ सिकंदर कुमार की नियुक्ति के मामले में राज्यपाल व विश्वविद्यालय कुलाधिपति के प्रधान सचिव, विश्वविद्यालय के मौजूदा कुलपति डा़ सिकंदर कुमार और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की खंड पीठ ने याचिका कर्ता धर्मपाल सिंह की याचिका पर जारी किए हैं। याचिकाकर्ता ने डा़ सिकंदर कुमार की कुलपति के पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है और इसे यूजीसी के नियमों तथा कानून के अनुसार गलत करार देते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि डा़ सिकंदर कुमार को जिस समय कुलपति नियुक्त किया गया उस समय वह यूजीसी के नियमों के अनुसार बतौर प्रोफेसर दस साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर चुके थे। उन्होंने इस याचिका में कहा है कि सिकंदर कुमार को 19 मार्च 2011 को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया लेकिन ये पदोन्नति फरवरी 2009 से दशाई गई। याचिका में कहा गया कि सिकंदर कुमार ने इस पद पर नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय द्वारा गठित सर्च कमेटी को गुमराह किया। क्योंकि उनके पास दस साल का बतौर प्रोफेसर अनुभव नहीं था। जबकि सर्च कमेटी को बताया गया कि सिकंदर कुमार के पास दस साल एक महीने और सात दिन का बतौर प्रोफेसर अनुभव है। याचिका में कहा गया है कि इन तथ्यों के मद्देनजर प्रो. सिकंदर कुमार कुलपति के पद के काबिल नहीं है इसलिए उनकी नियुक्ति को रद्द किया जाए और उन्हें पद से हटाया जाए। याचिकाकर्ता ने अदालत से ये भी गुहार लगाई है कि बतौर कुलपति सिकंदर कुमार द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की जनहित में जांच की जाए। अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 20 मई को करेगी।