कुलपतियों की नियुक्ति का मामला हिमाचल राजभवन और सुक्खू सरकार में ठनी

कुलपतियों की नियुक्ति का मामला हिमाचल राजभवन और सुक्खू सरकार में ठनी
शिमला, 16 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय पालमपुर और हिमाचल प्रदेश बागवानी एवं वानिकी विश्व विद्यालय नौणी में कुलपतियों की नियुक्ति के मुद्दे पर राजभवन और प्रदेश सरकार में ठन गई है। कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर सरकार व राजभवन दोनों ही अपने अपने पक्ष को सही बता रहे हैं।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि के मौके पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पत्रकारों से  अनौपचारिक बातचीत में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सवाल किया। राज्यपाल ने कहा कि कृषि और बागवानी विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर लिया गया उनका फैसला सही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के हित के लिए जो मैंने किया है, वह सही था। हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाने पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह यह फैसला प्रदेश की जनता पर छोड़ते हैं कि दोनों विश्वविद्यालयों के लिए क्या सही है और क्या गलत है।
दूसरी ओर इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वे राज्यपाल का सम्मान करते हैं। विधानसभा से उनके पास कृषि व बागवानी विश्व विद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का विधेयक पारित कर मंजूरी को भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक काफी वक्त तक उनके पास लंबित रहा और अब उन्होंने आपत्तियों के साथ वापस भेजा है। सुक्खू ने कहा कि राज्यपाल को कुलाधिपति अर्थात चासंलर की शक्तियां राज्य विधायिका ने प्रदत्त की है। जब सरकार कोई निर्देश देती है तो उस पर अमल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति का पद संवैधानिक नहीं है। राज्यपाल का पद संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि कई विश्व विद्यालयों में राज्यपाल को कुलाधिपति की शक्तियां नहीं है। दोनों विश्व विद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों के मामले में कैबिनेट जब यह फैसला करती है कि राज्यपाल से बात की जाए। कैबिनेट ने राज्यपाल को पत्र लिखा। इसके बाद सचिव कृषि ने सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए पदों को विज्ञापित नहीं करने के लिए राजभवन को अवगत करवाया। कैबिनेट ने राजभवन को कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन वापस लेने को कहा। बावजूद इसके राजभवन ने आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया। अब इस पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। सुक्खू ने कहा कि इस पूरे मामले पर राज्यपाल से मिलकर बातचीत के जरिये समाधान निकाला जाएगा। राज्यपाल हमेशा ही हिमाचल के हितों की बात करते हैं और मुझसे चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा कि सुखाश्रय योजना के साथ साथ भ्रष्टाचार पर नकेल कसने बारे पारित विधेयक भी राजभवन में लंबित हैं।