किसान सम्मान निधि घोटाला
जयराम सरकार ने शुरू की फर्जीवाड़ा करने वालों से रिकवरी
शिमला, 13 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी किसान सम्मान निधि योजना को पलीता लगाने वालों की अब खैर नहीं। किसान सम्मान निधि का करोड़ों रुपए हड़पने वाले ऐसे घोटालेबाज करदाताओं के खिलाफ प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है और गड़बड़ियां सामने आते ही दोषियों से रिकवरी की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। गौरतलब है कि अभी तक प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिलों में किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा होने का मामला सामने आने की पुष्टि हुई है। कांगड़ा जिला में 2 करोड़ 52 लाख चार हजार रुपए का कथित घोटाला किसान सम्मान निधि में हुआ है जबकि ऊना जिला में करदाताओं ने किसान सम्मान निधि के 1.30 करोड़ रुपए हड़प लिए। कांगड़ा जिला में हुए इस फर्जीवाड़े में से सरकार ने 14.22 करोड़ रपए की राशि रिकवर भी कर ली है जबकि ऊना जिला में भी रिकवरी के लिए कसरत शुरू हो गई है और जिले के 1256 करदाताओं को इस घोटाले के लिए दोषी पाया गया है। इनमें 57 सेवारत और सेवानिवृत कर्मचारी भी शामिल हैं।
इस बीच प्रदेश के ग्रामीण विकास, पंचायत राज, कृषि, मत्स्य तथा पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस बात की पुष्टि की है कि किसान सम्मान निधि में घोटाला करने वाले अपात्र लोगों से पैसे की वसूली शुरू कर दी गई है।
कंवर ने कहा कि कुछ अपात्र व्यक्तियों ने योजना का लाभ लिया है और मामला विभाग के संज्ञान में है। अपात्र लाभार्थियों की लिस्ट जिला ऊना में सभी उपमंडलों के संबंधित एसडीएम के साथ साझा की जा चुकी हैं तथा सभी अपात्रों को रिकवरी नोटिस भेज दिए गए हैं। कुछ व्यक्तियों ने रिकवरी का राशि वापस जमा भी कर दी गई है।
कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कुछ व्यक्तियों ने योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसकी बाद में वैरिफिकेशन कराई गई तथा अपात्रों की संख्या का पता लगाया गया है। उन्होंने कहा कि योजना में रिकवरी का प्रावधान है तथा नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। अपात्र व्यक्तियों से पूरी धनराशि की रिकवरी होगी। कंवर ने कहा कि पात्र किसानों तक योजना का लाभ पहुंचना चाहिए और अपात्र लोगों को सूची से बाहर निकाला जा रहा है।