कर्मचारियों के जीपीएफ की ब्याज दर घटी, 7.9 से 7.1 फीसदी की, कर्मचारियों को होगा भारी नुकसान

 

शिमला. कोरोना संकट के दौरान सरकार ने कर्मचारियों के जीपीएफ की जमा राशि में ब्याज की दर घटा दी है। जिससे तय है कि सरकार के लाखों कर्मचारियों को प्रतिवर्ष हजारों रुपए का नुकसान होगा। सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों के प्रावीडेंट फंड और अन्य इसी तरह के फंड में ब्याज की दर 7.1 फीसदी होगी जो पहले 7.9 फीसदी थी। यह कटौती एक अप्रैल से 30 जून 2020 तक के लिए होगी। इस मामले को विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने उठाते हुए कहा है कि कर्मचारीयों का पैसा जो हिमाचल सरकार के पास है। उस में जी.पी.एफ़ के पैसे पर सरकार ने ब्याज दर गिराई। अब ब्याज दर कर दी 7.1 फ़ीसद, पहले 7.9 फ़ीसद थी इस कटौती से कर्मचारियों को सालाना तक़रीबन 120 करोड़ का नुक़सान होगा। यह आंकड़ा विपक्ष के नेता ने अपने गणित के आधार पर दिया है जो सही हो सकता है। कुछ भी हो जीपीएफ में ब्याज में कटौती होने से कर्मचारियों को नुकसान होना तय है। कई कर्मचारियों ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को पीएफ में ब्याज दर कम करने की बजाय 9 फीसदी करना चाहिए क्योंकि अब तो नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को पेंशन का प्रावधान भी नहीं है। वही कर्मचारियों ने कहा कि सरकार मंत्रियों और विधायकों के खर्चों में कटौती नहीं करती और हमेशा कर्मचारियों के वेतन आदि में कटौती करती है। हालांकि सरकार का यह निर्णय कोरोना संकट के समय के लिए ही है।