सौर ऊर्जा के दोहन से, रोशनी से जगमगाए दुर्गम क्षेत्र,
ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट बने वरदान
शिमला, 14 फरवरी। दुर्गम क्षेत्रों में बिजली की समस्या के समाधान के लिए हिमऊर्जा विभाग के माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाया गया है। इसके अन्तर्गत जहां दुर्गम क्षेत्रों के लोगों की बिजली की समस्या का समाधान हुआ है वहीं प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी सौर ऊर्जा के दोहन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों के बिजली के बिल के रूप में होने वाले खर्च में भी कमी आई है। सौर ऊर्जा के दोहन से दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के घर रोशनी से जगमगा रहे हैं।
हिमऊर्जा के गठन के बाद विभाग द्वारा राज्य में अब तक 331.25 मेगावाट के 89 स्माल हाइड्रो यूनिट स्थापित किए जा चुके हैं जो 5 मेगावाट तक के हैं, जो लोगों की बिजली की समस्या का समाधान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जिला चंबा में लगभग 82.7 मेगावाट, कांगड़ा जिला में 98.65 मेगावाट, किन्नौर जिला में 25.9 मेगावाट, कुल्लू जिला में 60 मेगावाट, मंडी जिला में 10.50 मेगावाट, शिमला जिला में 39 मेगावाट और सिरमौर जिला में 12 मेगावाट के स्माल हाइड्रो यूनिट स्थापित किए गए हैं।
हिमऊर्जा द्वारा 41 उन्नत घराट, 878 उन्नत चूल्हें और 17 विंड सोलर हाइब्रिड सिस्टम भी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा 164803 स्ट्रीट लाईटें, 69935 लालटेन, 27713 घरेलू लाईटें, 3152.45 कि.वा. के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट, 14425.54 कि.वा. के ग्रिड कनेक्टिड सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट और 20,24,000 सोलर वाटर हिंटिंग सिस्टम लोगों को उपलब्ध करवाएं गए हैं।
राज्य सरकार किन्नौर जिला के गांव कुन्नू और चारंग में स्वच्छ बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कुन्नू गांव में 34 घरों और चारंग गांव में 40 घरों में एक किलोवाट के आफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट निःशुल्क स्थापित किए। इसके अतिरिक्त चम्बा जिला के पांगी उपमण्डल में एक हजार बीपीएल परिवारों के घरों में गत दिसम्बर माह में 250 वाट के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं ताकि इन दुर्गम क्षेत्रों में सर्दियों के दौरान होने वाली भारी बर्फबारी में बिजली के खंभों व तारों के टूटने के कारण उत्पन्न होने वाले विद्युत संकट से बचा जा सके।