एसओपी द्वारा कोविड टीकाकरण और कोविड उचित व्यवहार पर वेबिनार का आयोजन

एसओपी द्वारा कोविड टीकाकरण और कोविड उचित व्यवहार पर वेबिनार का आयोजन

शिमला, 6 मई। कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करना और इसका टीका लगवाना ही फिलहाल एकमात्र उपाय है। ये बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की माइकरोबॉयोलॉजिस्ट और एमडी डा. पारुल शर्मा ने आज एक वेबीनार में कही। ये वेबीनार ‘कोरोना टीकाकरण एवं कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर’ विषय पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के शिमला स्थित क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो द्वारा उच्च शिक्षा निदेशालय के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस वेबीनार में हिमचाल प्रदेश के कई कॉलेजों के प्रिंसिपलों, अध्यापकों और छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

वेबीनार की शुरुआत शिमला पीआईबी के उपनिदेशक तारीक राथर के संबोधन से हुई। इस दौनान उन्होंने कहा कि कोविड काल के कठीन समय में हमें स्वयं सुरक्षित रखना है, ताकि हम दूसरों को सुरक्षित कर सकें। उन्होंने इस दौरान डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को फ्रंटलाइन वर्कर बताते हुए उनका कोरोना के खिलाफ लड़ाई में धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपनी जान हथेली पर रखकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

वेबीनार में शिमला की माइकरोबॉयोलॉजिस्ट और एमडी डा. पारुल शर्मा ने कोविड टीकाकरण और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में कोरोना जैसी बीमारी से लड़ने के लिए टीका और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर ही सबसे कारगर हथियार है। उन्होंने इस दौरान मास्क पहनने और हाथों को धोने का सही तरीका प्रतिभागियों को समझाया।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के शिमला स्थित क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो द्वारा उच्च शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित इस वेबीनार का संचालन क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो के प्रभारी व क्षेत्रीय प्रदर्शनी अधिकारी अनिल दत्त शर्मा ने किया। वेबीनार में पूरे हिमाचल से विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।