शिमला, 15 मार्च। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में अवैध खनन को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से जिला ऊना के बाथड़ी, पोलियां, पंडोगा, मैहतपुर और गगरेट में खनन पड़ताल चैकियों का उद्घाटन करने के उपरांत यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन खनन पड़ताल चैकियों और अन्य आवश्यक उपकरणों के निर्माण के लिए 1.01 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विकासात्मक कार्यों जैसे नए उद्योगों की स्थापना, सड़क निर्माण और अन्य घरेलू जरूरतों के लिए रेत, बजरी और पत्थर की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि नए संसाधनों का वैज्ञानिक और समुचित तरीके से दोहन किया जाए और अवैध खनन पर अंकुश लगाया जाए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लघु खनिज जैसे रेत, बजरी व पत्थर की कमी के कारण विकासात्मक कार्य प्रभावित न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न नदी व नालों में उपलब्ध लघु खनिजों की नीलामी पारदर्शी रूप से खुली बोली से करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिए अवैध खनन, यातायात तथा भण्डारण करने वाले व्यक्तियों को दो साल की कैद तथा पांच लाख तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है। पट्टे पर खनन के लिए प्रार्थना पत्रों की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल आरम्भ किया गया है, जिससे पट्टे पर खनन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित होगी।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि ऊना, सोलन, सिरमौर तथा कांगड़ा जैसे सीमावर्ती जिले अवैध खनन गतिविधियों के लिए संवेदनशील हैं और ये खनन पड़ताल चैकियां अवैध खनन व पड़ोसी राज्यों में अवैध खनिज के यातायात को रोकने में सहायक सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल के लिए बल्क ड्रग फार्मा पार्क प्राप्त होने की उम्मीद कर रही है, जो ऊना जिला के हरोली विधानसभा क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पार्क से जिले के हजारों युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।