राजस्व कार्यों के निपटारे में टेक्नॉल्जी के सदुपयोग की अभिनव पहलों पर बोले डीसी…हमारा ध्येय ‘बेहतर सेवाएं एवं सुशासन’
मंडी, 29 सितंबर: उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने मंडी जिलावासियों से जिला प्रशासन के मंडी जनसुविधा पोर्टल पर उपलब्ध राजस्व सेवाओं का भरपूर लाभ उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने मंडी में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए लोगों से पंजीकरण-इंतकाल-निशानदेही से जुड़ी ऑनलाईन सेवाओं का लाभ लेने को कहा।
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि मंडी जिला प्रशासन ने राजस्व कार्यों के निपटारे में टेक्नॉल्जी के सदुपयोग की अभिनव पहलें की हैं। मंडी जनसुविधा पोर्टल तैयार कर पंजीकरण, इंतकाल और निशानदेही से जुड़ी सेवाएं दी जा रही हैं। मंडी इस प्रकार की पहल करने वाला प्रदेश का पहला जिला है। उन्होंने कहा कि टेक्नॉल्जी के सदुपयोग से जुड़ी पहलों से हमारा ध्येय लोगों को ‘बेहतर सेवाएं एवं सुशासन’ देना है।
बता दें, मंडी जिला प्रशासन ने मंडी जनसुविधा पंजीकरण मॉडयूल का शुभारम्भ जून 2020 में किया था, जिसके उपरान्त इस मॉडयूल के तहत जिला में अब तक 5317 स्लॉट्स पंजीकरण हेतु जनता द्वारा प्रयोग में लाए जा चुके हैं।
राजस्व मंत्री श्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने अगस्त में मंडी जनसुविधा पोर्टल के इंतकाल मॉड्यूल का शुभारंभ किया था। अब इस पोर्टल में निशानदेही मॉड्यूल भी शुरू कर दिया गया है।
एसएमएस से मिलती रहेगी जानकारी
उपायुक्त ने लोगों से आग्रह किया कि इंतकाल-निशानदेही के लिए आवेदन के उपरंात उसे मंडी जनसुविधा पोर्टल पर भी जरूर दर्ज करें। इससे उन्हें अपने मामले को लेकर हो रही प्रगति की जानकारी समय समय पर एसएमएस के जरिए मिलेगी रहेगी। प्रशासन के पास भी ऑनलाईन डाटा उपलब्ध होने से मामलों की निगरानी करना व निपटारे की प्रक्रिया को गति देना आसान होगा।
हमारा प्रयास है कि इंतकाल के आवेदन का एक महीने में और निशानदेही के आवेदन का 3 महीने के भीतर भीतर निपटारा सुनिश्चित हो।
क्या है निशानदेही मॉड्यूल
उन्होंने बताया कि निशानदेही के मामलों की निगरानी, लम्बित मामलों की जॉंच व निशानदेही में लगने वाले समय व अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की निगरानी व जॉंच के लिए तथा पूर्ण प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन निशानदेही मॉड्यूल विकसित किया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी सीमाओं की निशानदेही के लिए www.mandijansuvidha.in/Demarcation पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है।
ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि आवेदनकर्ता को भूमि से सम्बन्धित राजस्व कागजात स्वयं सम्बन्धित तहसील/उप-तहसील में प्रचलित प्रथा के अनुसार उपलब्ध करवाने होगें तथा कागजात जमा करवाने की तिथि साफ्टवेयर में डालनी होगी।
आवेदन ऑनलाइन स्वतः सम्बन्धित तहसीलदार-नायब तहसीलदार को प्रेषित हो जाएगा। तहसीलदार-नायब तहसीलदार प्राप्त आवेदन को सम्बन्धित कानूनगो को ऑनलाइन प्रेषित करेंगे। प्रार्थना पत्र व सम्बन्धित कागजात भी यथाप्रथा प्रेषित किए जाएगें। कानूनगो आवेदन प्राप्त होने पर ऑनलाइन निशानदेही का समय निर्धारित करेगा। समय निर्धारित होने की सूचना आवेदनकर्ता को एसएमएम के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी तथा समन-नोटिस व्यक्तिगत तौर पर भी भेजे जाएगें।
मौका पर निशानदेही होने के पश्चात कानूनगो द्वारा आवेदन को तहसील कार्यालय को अॅानलाइन वापिस किया जाएगा । साथ में सम्बन्धित कागजात व निशानदेही की फाइल अपनी रिपोर्ट सहित भी तहसील/उप-तहसील कार्यालय को मैन्यूली भेजनी होगी। तहसीदार/नायब तहसीलदार प्राप्त निशानदेही के आवेदन का नियमानुसार निराकरण करेंगे जिसकी सूचना भी आवेदनकर्ता को एसएमएस के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस निशानदेही मॉडयूल से निशानदेही के मामलों की तहसील व जिला स्तर पर आसानी से निगरानी की जा सकेगी।
ये हैं इंतकाल मॉड्यूल के फायदे
उपायुक्त ने बताया कि इस साफ्टवेयर की मदद से जिला की जनता को अपने इंतकाल हेतु ऑनलाइन समय लेने में सुविधा मिल रही है। कोई भी व्यक्ति www.mandijansuvidha.in/mutation पर अपने किसी इन्तकाल हेतु ऑनलाइन समय मांग सकता है।
उन्होंने बताया कि सम्बन्धित तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा जैसे ही इन्तकाल का समय निर्धारित किया जाता है वैसे ही उसकी सूचना एसएमएस के माध्यम से प्राथी को व अन्य पक्षों को चली जाएगी। यदि किसी कारणवश राजस्व अधिकारी का दौरा रद्द हो जाता है तो इसकी सूचना भी एसएमएस के माध्यम से सभी पक्षों को स्वतः ही चली जाती है। इससे राजस्व कार्यालयों में भीड़ को नियत्रित करने में भी मदद मिल रही है तथा लोगों के धन और समय की भी बचत हो रही है।
उपायुक्त ने जिले की समस्त जनता से इस सुविधा का भरपूर लाभ उठाने का आग्रह किया।